लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की और उन्हें आगामी पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का न्योता दिया. एसपी प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश अपने पिता मुलायम से मुलाकात करने उनके घर गए और उन्हें पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण दिया. इसी अधिवेशन में एसपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है.


सुनील के मुताबिक मुलायम ने राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. अखिलेश की मुलायम से मुलाकात कई महीनों बाद हुई है.


मालूम हो कि एसपी संस्थापक मुलायम ने बीते 25 सितम्बर को लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि चूंकि अखिलेश उनके पुत्र हैं, लिहाजा उनके साथ उनका आशीर्वाद है, लेकिन उनके कुछ फैसलों से वह सहमत नहीं हैं. माना जा रहा था कि इस संवाददाता सम्मेलन में मुलायम, एसपी से अलग होकर कोई नई पार्टी बनाएंगे लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था.


इससे पहले 23 सितंबर को पार्टी के प्रान्तीय अधिवेशन में अखिलेश ने मुलायम का जिक्र करते हुए कहा था कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है. वह उनके आंदोलन को ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे. संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुलायम के वरिष्ठ सहयोगी पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने उन्हें एक और प्रेस नोट उठाकर दिया था, लेकिन मुलायम सिंह ने उसे नहीं पढ़ा था. मीडिया में लीक हुए उस प्रेस नोट में अलग पार्टी बनाने की बात लिखी थी.


ऐन वक्त पर मुलायम के इस रुख को अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव गुट के लिए झटका माना जा रहा है. पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने मुलायम पर अपने बेटे अखिलेश से मिले होने का आरोप लगाया है. मुलायम के साथ मिलकर एक अलग मोर्चा बनाने की ख्वाहिश रखने वाले लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने भी कहा था कि मुलायम ने प्रेस कांफ्रेंस में वह प्रेस नोट नहीं पढ़ा, जो उन्हें पढ़ना था. अब वह पांच अक्टूबर को होने वाले एसपी के राष्ट्रीय अधिवेशन का इंतजार करेंगे और उसके बाद ही कोई कदम उठाएंगे.


इस बीच, अपने सियासी भविष्य के लिए मुलायम की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे शिवपाल पर अब अपनी अलग राह तय करने का दबाव बढ़ गया है. शिवपाल के एक करीबी का कहना है कि आगामी पांच अक्टूबर को एसपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद शिवपाल कोई अलग पार्टी बना सकते हैं.