ABP Press Conference: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को खुला ऑफर देते हुए कहा है कि वो बीजेपी के 100 विधायक लेकर आएं, हम उन्हें समर्थन देंगे. एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा, ''अगर उनमें हिम्मत है और उनके साथ विधायक हैं...एक बार बता रहे थे कि उनके पास 100 से ज्यादा विधायक हैं...तो आज भी विधायक ले आएं. समाजवादी पार्टी उनका समर्थन कर देगी. वो सीएम बनें.''


उन्होंने कहा, ''बीजेपी में रहना केशव प्रसाद मौर्या की मजबूरी है. वो पिछड़े हैं इसलिए बीजेपी में हैं, वह वहां पर फंसे हुए महसूस कर रहे हैं. वो बहुत कमजोर आदमी हैं.'' 






अखिलेश यादव ने इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी की मदद करने के लिए जानबूझकर यादव और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में लोगों के वोट काटे. यह ठीक बात नहीं है. बीजेपी ऐसी जगह पर पहुंच गई है जहां वह चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है. मैं पिछले चुनावों से सीख लेकर और उसके अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि भविष्य में बीजेपी को चुनाव हरा दूंगा.  


विपक्ष को एक साथ कौन जोड़ेगा?
अखिलेश यादव ने कहा कि देश के सभी विपक्षी नेता सभी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें एक माला बनाने के लिए एक धागा चाहिए. हम किसी न किसी एजेंडा के साथ आएंगे. हम सब साथ आकर बीजेपी को 2024 के चुनावों में जोड़ेंगे. 


रेवड़ी बांटने के आरोप पर क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी वोट लेने के लिए फ्री में राशन दे देती है. लेकिन जब दूसरी पार्टी कुछ फ्री योजना लाती है तो आप उसको रेवड़ी बोलते हैं. बीजेपी कारोबारियों का पैसा माफ करती है. 


बीजेपी ने इन्वेस्टमेंट मीट का आयोजन किया लेकिन उसका क्या हुआ? किसानों को न बाढ़ में पैसा मिल रहा है और न ही सूखे में किसान को मदद मिल रही है.  


नीतीश पर क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी हमेशा आरोप लगाती है कि विपक्ष के पास चेहरा नहीं है. बिहार में नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया है. उन्होंने साइकिल बांटने का काम किया. समूह का किया, बिहार में संसाधनों को सुधारने के लिए वह जो कर सकते थे, उन्होंने किया. नीतीश कुमार का जिक्र करने के दौरान उन्होंने केसीआर और ममता बनर्जी की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के सीएम केसीआर ने भी पानी के क्षेत्र में अच्छा काम किया है.


राहुल गांधी, शरद पवार और केजरीवाल पर क्या बोले अखिलेश?
अखिलेश यादव इन नेताओं पर कोई भी सीधी टिप्पणी करने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि देखिये कम से कम हमारे पास चेहरे तो हैं. बीजेपी विपक्ष पर झूठा आरोप लगाती है कि उसके पास चेहरा नहीं है.  


विपक्ष की तरफ से कौन होगा पीएम पद का उम्मीदवार?
अखिलेश यादव ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि देखिए पीएम कोई भी बनें पर उसके पास देश के लिए एजेंडा होना चाहिए. विपक्ष के पास कई चेहरे हैं. किसी को तो धागा बनना पड़ेगा. किसी को तो मोती बनना पड़ेगा.


बीएसपी वही काम करती है जो बीजेपी उसको करने को बोलती है. वह (मायावती) अपनी बनाईं जेल में बंद है.


परिवारवाद के आरोप पर क्या बोले अखिलेश?
बीजेपी में परिवारवाद की भरमार है लेकिन मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ एक क्षेत्र से हटकर हर क्षेत्र में परिवारवाद की मुखालफत की है. देश के हर बड़े सेक्टर, हर बड़ी इंडस्ट्री से परिवारवाद खत्म होना चाहिए.


बीजेपी ने लोगों को फंसाने का तरीका कांग्रेस से सीखा है. लोगों के घर में छापे मारना, राजनीतिक लोगों को फंसा देना. एक दिन ईडी के पास इतने कागज हो जाएंगे की ईडी खुद परेशान हो जाएगी, लोगों पर छापा मार-मारकर. 


अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि इन्होंने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की. इन्होंने पूरे एक्सप्रेस वे को बर्बाद कर दिया. ये लोगों के जीवन से खिलवाड़ हुआ है. बीजेपी से लड़ने के लिए बूथ स्तर पर कार्रवाई करनी पड़ेगी. यूपी में कोई बूथ नहीं छूटना चाहिए. बीजेपी के अंदर इतनी लड़ाई है इसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है.


आजम खान को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी भी आजम खान को नजर अंदाज नहीं कर सकती है. हम हमेशा से मुस्लिम भाइयों के साथ खड़े रहे हैं. हम उनके साथ सभी कानूनी लड़ाइयों में उनके साथ खड़े रहेंगे. 


अखिलेश यादव ने पूछा कि गंगा को आप क्यों साफ नहीं कर पा रहे हो. गौरक्षा आप कर नहीं पा रहे है. हजारों सांड यूपी की सड़कों में घूम रहे हैं. आपके (योगी आदित्यनाथ) ओएसडी की जान उसकी गाड़ी के सांड से टकराने की वजह से हुई.


इस दौरान अखिलेश यादव ने देश भर में जाति जनगणना कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि जिसका जितना संख्या बल उसको उतना आरक्षण. अखिलेश ने सवाल किया, 'बीजेपी आखिर जाति जनगणना से पीछे क्यों हट रही है?'