समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने बच्चों के पॉलिटिक्स में आने को लेकर कहा है कि उनकी तरफ से कोई रोक-टोक नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से बच्चों को आजादी है कि वह अपनी लाइफ में क्या करना चाहते हैं और क्या पढ़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बस कभी-कभी वह अपने बच्चों को गाइड करते हैं, वरना उनकी तरफ से कोई भी रोक टोक नहीं है. 


2024 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की बड़ी बेटी अदिति यादव ने अपनी मां डिंपल यादव के लिए मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में प्रचार किया था. उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों से अपनी मां को वोट देने की अपील की थी. अदिति 21 साल की हैं और वह लंदन में पढ़ती हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान वह दो महीने के लिए छुट्टियों पर आई थीं. 


एक इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा, 'गर्मी जिस समय पीक पर थी मैंने उनसे कहा कि गांव-गांव जाइए और लोगों से मिलिए तब पता लगेगा और एहसास होगा कि राजनीति कितना मुश्किल काम है. उन्हें राजनीति को सिर्फ दूर से नहीं देखना चाहिए.  उन्हें कम से कम एहसास हो कि पॉलिटिक्स कितनी टफ है. किस-किस चीज से हम लोग गुजरते हैं.'  


अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि क्या उनके पास पॉलिटिक्स के अलावा कोई और करियर ऑप्शन था तो उन्होंने कहा कि हां बहुत से ऑप्शन थे, लेकिन अब वह सोचते हैं कि अगर किसी भी जगह जाते तो आखिर में लगता कि उन्हें पॉलिटिक्स में ही आना था. उन्होंने बच्चों के बारे में और बात करते हुए कहा, 'मैं सख्त नहीं हूं. नेता जी भी सख्त नहीं थे, लेकिन कभी-कभी सख्त थे. मैंने बच्चों को उनकी चॉइस पर छोड़ दिया है. जो पसंद करें, जो चीज पढ़ना चाहें, आगे बढ़ना चाहें, उनकी चॉइस पर छोड़ दिया है, लेकिन कभी-कभी गाइड करता हूं.  समय-समय पर उन्हें बताता हूं. अगर कोई क्वरी लेकर आते हैं. अदिति, टीना और अर्जुन दो बेटियां और एक बेटा है. टीना और अर्जुन जुड़वा हैं.'


उन्होंने आगे कहा कि बच्चे बड़े हो गए हैं. वे इस जेनरेशन में ग्रो कर रहे हैं तो उनकी अपनी पसंद-नापसंद हैं. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है. खाने को लेकर, वे अच्छी कुकिंग कर लेते हैं. म्यूजिक को लेकर क्योंकि हम तो नहीं सुन पाते हैं. तो उनसे पता चलता है कि अभी क्या लेटेस्ट म्यूजिक चल रहा है.


अखिलेश यादव ने अपने बच्चों को लेकर कहा कि इस जेनरेशन की सोच और समझ और उनके वर्ड्स बहुत डिफरेंट हैं. जिस तरह का उनका इंटरेक्शन है. अगर आप उनके साथ बात नहीं करते हो या साथ नहीं बैठते हो तो शायद आप समझ नहीं पाओगे. उन्होंने कहा कि वह जब घर पर रहते हैं तो बच्चों से उनकी पढ़ाई को लेकर बातचीत जरूर करते हैं और क्या चल रहा है आजकल तो बहुत सी जानकारी बच्चों से मिलती है.


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