अखिलेश यादव ने 17 जून को ऐसा पोस्ट किया, जो चर्चा का विषय बन गया. अखिलेश ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, बहुत गहरा है कोई शिकवा औ’ गिला, वो जो इतने करीब आकर भी न मिला. हालांकि, अखिलेश ने इस पोस्ट में किसी का भी नाम नहीं लिखा. हालांकि, सियासी गलियारों में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं. इस सबके बीच अम्बेडकरनगर से सपा सांसद लालजी वर्मा ने इस पोस्ट को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत से जोड़ दिया. 


लालजी वर्मा ने अपनी पोस्ट में एक आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा, कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना. इस न्यूज आर्टिकल में कहा गया था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत 5 दिन तक यूपी के गोरखपुर में रहे, वहीं सीएम योगी भी अपने गढ़ में दो दिन तक रुके, लेकिन दोनों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई. 


संघ प्रमुख भागवत और सीएम योगी नहीं हो पाई मुलाकात 

दरअसल, कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी के बीच गोरखपुर में मुलाकात हो सकती है. मोहन भागवत संघ के कार्यक्रम में शामिल होने 5 दिन के लिए गोरखपुर पहुंचे थे. वहीं, सीएम योगी भी दो दिन तक गोरखपुर रहे. ऐसे में दोनों की मुलाकात के कयास थे, लेकिन दोनों के बीच मुलाकात नहीं हो पाई. इससे पहले जब-जब मोहन भागवत गोरखपुर आए, सीएम योगी की उनके साथ मुलाकात हुई. ऐसे में एक बार फिर कयास लगने लगे कि क्या बीजेपी और संघ के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. 


सपा सांसद के ट्वीट से तो यही लगता है कि अखिलेश यादव ने भले ही अपनी पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन वे मोहन भागवत और सीएम अखिलेश यादव की मुलाकात को लेकर ही तंज कस रहे थे.

मोहन भागवत ने देखा संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन, काली टोपी, सफेद शर्ट और खाकी पैंट पहनकर आए नजर