कोलकाता: बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय को लेकर जारी खींचतान के बीच टीएमसी सांसद सौगत राय ने आरोप लगाया कि बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि अलापन बंदोपाध्याय भी कोविड-19 की स्थिति के लिए काम कर रहे थे. इसी बीच केंद्र ने यह फैसला ले लिया. सौगत राय ने कहा कि हमारे सबसे ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यह बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि यह सब पीएम की सलाह के मुताबिक हो रहा है.
राय ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को संविधान से शक्ति मिलती है. इस प्रकार पूर्व मुख्य सचिव के प्रति रवैया गलत और दुखद है. बंगाल के लोग भी देख रहे हैं कि कैसे एक ईमानदार व्यक्ति को प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा है और वे इसे लंबे समय तक स्वीकार नहीं करेंगे.
वहीं सुखेंदु शेखर ने कहा कि यह किसी अधिकारी को बुलाने का तरीका नहीं है. वे चुनाव में अपनी हार और ममता बनर्जी की जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. बंगाल के लोग एकजुट हैं. जिस पर आरोप लगाया जाएगा, उसके द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ये केवल राजनीतिक प्रतिशोध के उदाहरण हैं.
बता दें बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के खिलाफ केंद्र ने एक “बड़ी दंडात्मक कार्यवाही” शुरू की है और उन्हें आंशिक या पूर्ण रूप से अपने सेवानिवृत्ति बाद के लाभों से वंचित होना पड़ सकता है.
अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार की भूमिका निभा रहे बंदोपाध्याय से कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा आरोपों का उल्लेख करते हुए भेजे गए “ज्ञापन” का 30 दिनों के अंदर जवाब भेजने को कहा गया है.
अधिकारियों ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव को बड़ी दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है जिसके तहत केंद्र सरकार पेंशन या ग्रैच्यूटी अथवा दोनों पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा रोक सकती है.