तिरूवनंतपुरम/दिल्ली. केरल में जीका वायरस संक्रमण के मामले शुक्रवार को 14 हो गए, जिसके बाद प्रदेश को सतर्क कर दिया गया है. इस बीच जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य भेजा गया है.


केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा कि 13 हेल्थवर्कर्स समेत कुल 14 लोग जीका वायरस संक्रमित पाए गए हैं. शहर के कई इलालों की पड़ताल के बाद ये लोग कहां पर रहते थे और क्या ट्रैवेल हिस्ट्री है, उसके बाद एक्शन लिया जाएगा. कई विभागों की तरफ से समन्वित कार्रवाई की जाएगी.






राज्य में गुरुवार को मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला 24 साल की गर्भवती महिला में सामने आया. राज्य सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने शुक्रवार को 13 और ऐसे मामलों की पुष्टि की. इस तरह शुक्रवार को जीका वायरस संक्रमण के कुल मामले 14 हो गये.


जीका के लक्षण डेंगू की तरह हैं जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होना शामिल है. प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोक-थाम के लिये कार्रवाई योजना तैयार की गयी है. जिला चिकित्सा अधिकारियों की बैठक में मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर जांच करानी चाहिए.


दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केरल से जीका के कुछ मामले आये हैं. हालात पर नजर रखने और राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए छह सदस्यीय दल को वहां पहुंचने और जीका के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए निर्देश दिये गये हैं. इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मच्छर जनित रोगों के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.’’


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