अलीगढ़: अलीगढ में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भजयुमो) के एक कार्यकर्ता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर काट कर लाने वाले को ग्यारह लाख रुपये देने का ऐलान किया. भजयुमो के कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हनुमान भक्तों की पिटाई से नाराज हैं. भजयुमो बीजेपी का युवा विंग है.


भजयुमो के कार्यकर्ता योगेश वार्ष्णेय पश्चिम बंगाल के वीरभूम में हनुमान भक्तों की पिटाई किए जाने से नाराज़ हैं. उनका कहना है कि जब मैंने उस वीडियो को देखा तो मेरी आंखें फटी रह गई. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी में इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं है.


योगेश वार्ष्णेय के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी जब सरस्वती पूजा आती है उसे रुकवा देती हैं और राम नवमी पर मेला नहीं लगने देती. लेकिन अब वीरभूम जिले में हनुमान जयंती पर निकलने वाले मेले में पुलिस वालों ने भक्तों पर जिस तरह से बर्बर लाठी चार्ज किया है वह बेहद निंदनीय है.


 


योगेश वार्ष्णेय ने ममता पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘’ममता इफ्तार पार्टी करा रही हैं. मुसलमानों के सारे पक्ष रख रही है. ऐसे में  क्या हिन्दू इंसान नहीं है. अब मन में एक ही विचार आया की जो कोई भी ममता बनर्जी का सिर काट कर रख देगा, मैं उसको ग्यारह लाख रुपए का इनाम दूंगा.


योगेश ने कहा, ‘’भगवन श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि अगर धर्म की रक्षा करनी है तो अधर्मियों का नाश कर दे.’’ योगेश वार्ष्णेय ने अपने फेसबुक पेज पर भी ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिपण्णी की है.


कल हनुमान जयंती के मौके पर पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हिंदू जागरण मंच के जुलूस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रशासन ने जलूस निकालने का आदेश नहीं दिया है फिर भी हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता हनुमान जयंती का जलूस निकाल रहे थे.


पुलिस ने लोहे का एक बैरियर लगाया था, लेकिन जुलूस में शामिल लोगों उसे तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसके अलावा सूरी के बाहरी इलाके में कल हनुमान जयंती पर संगठन के तत्वावधान में निकाले गए जुलूस में हजारों लोगों ने पुलिस की रोक के बावजूद शामिल होने की कोशिश की.

हालांकि पुलिस ने रविवार को ही बीर हनुमान जयंती के आयोजकों को बता दिया था कि वह मंगलवार को किसी प्रकार के जुलूस अथवा सभा की इजाजत नहीं देगी. इसके बाद आयोजकों ने कल पुलिस से यह कहते हुए जुलूस की इजाजत देने के लिए कहा कि वे उसमें हथियार लेकर शामिल नहीं होंगे. यद्यपि पुलिस ने इसके बाद भी जुलूस की अनुमति नहीं दी.

बीजेपी के पश्चिम बंगाल महासचिव एस. बसु ने कल पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘जिला प्रशासन ने पहले जुलूस की अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में उसने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के आदेश पर अनुमति वापस ले ली.’’