West Bengal: ED के बाद अब CBI का शिकंजा, अलीपुर कोर्ट ने पूछताछ के लिए पार्थ चटर्जी को हिरासत में भेजा
CBI Arrested CBI: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब उन पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है.
SSC Scam Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Scam) के मामले में अलीपुर कोर्ट (Alipore Court) ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को 21 सितंबर तक के लिए सीबीआई (CBI) की हिरासत में भेज दिया है. आज उन्हें अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था. बता दें कि, पार्थ चटर्जी कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में न्यायिक हिरासत में हैं और सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए कोर्ट में अपील की थी.
इसी मामले की शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट में सुनवाई हुई. शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट में दोनों पक्षों के सवाल-जवाब के बाद एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी उठ खड़े हुए. उन्होंने कहा, “मेरी भूमिका क्या है?” दूसरी ओर, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को 21 सितंबर तक सीबीआई हिरासत का निर्देश दिया.
#UPDATE | West Bengal | SSC scam case: Alipore Court grants remand of former minister Partha Chatterjee to CBI till September 21. https://t.co/53o72jO0Xp
— ANI (@ANI) September 16, 2022
पार्थ के खिलाफ लगाए कई आरोप
सीबीआई ने दावा किया कि पार्थ चटर्जी वास्तव में एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार में मुख्य आरोपित हैं. वे राज्य के पूर्व मंत्री को अपनी हिरासत में लेना चाहते हैं और उनसे मध्य शिक्षा के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली से आमने-सामने पूछताछ करना चाहते हैं. जांच एजेंसी के वकील ने कोर्ट में पर्थ के खिलाफ कई आरोप लगाए. दूसरी ओर, पार्थ के वकील का दावा है कि उनका मुवक्किल जेल की हिरासत में है. उन्हें अलग से क्यों गिरफ्तार किया जाएगा?
तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया
लंबे सवाल-जवाब सत्र के दौरान सीबीआई (CBI) ने कहा कि एसएससी भ्रष्टाचार (SSC Scam) मामले में जिन पांच लोगों पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी, उनमें से तीन को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया गया है. अब पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) से पूछताछ की जाएगी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट (Court) ने फैसला सुरक्षित रखा है.
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