नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की नेता अलका लांबा का एक ट्वीट वायरल हो रहा है. लांबा ने 10 नवंबर को एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने महिलाओं के लिए पीरियड्स के समय इस्तेमाल होने वाला सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी का मुद्दा उठाया है. अलका लांबा ने ट्विटर पर लिखा है, "गाय माँ है, पर पीरियड्स नहीं आते, आते तो भक्त लोग मोदी जी और जेटली जी को कह कर सैनिटरी पैड्स को जीएसटी से बाहर करवा देते. पुरूष प्रधान सोच."







अलका लंबा के इस ट्वीट को भारी संख्या रिट्वीट किया गया. हालांकि, उन्हें ट्रॉलिंग का भी सामना करना पड़ा.


विवाद क्या है?


इस समय सैनिटरी नैपकिन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है. कई सामाजिक संगठन और विपक्ष की लगातार मांग रही है कि सैनिटरी नैपकिन को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया जाना चाहिए. इनका कहना था कि चूकि महंगा होने की वजह से ग्रामीण इलाकों में महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं और इसकी जगह पर पीरियड्स के समय देसी तौर तरीकों का इस्तेमाल करती हैं जिससे उन्हे कई प्रकार की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है.


असम के सिल्चर से कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने सैनिटरी नैपकिन पर टैक्स हटाने की मांग को जोर शोर से उठाया था. अलका लांबा ने अपने इस ट्वीट के जरिए केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए तंज किया है. अलका लंबा ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि शुक्रवार को जीएसटी के दरों में भारी बदलाव किया गया. बहुत सारे आइट्मस को 28 फीसदी की कैटेगरी से हटाकर 18 और 18 फीसदी से हटाकर 12 फीसदी की कैटेगरी में लाया गया. लेकिन सैनिटरी नैपकिन को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया.