नई दिल्ली: कल यानी 23 मार्च को देश के 16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों में सबसे अहम और दिलचस्प चुनाव सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का है. यहां एक सीट पर फंसे पेंच ने सभी की दिलचस्पी बढ़ा दी है.


इस सीट के जरिए जहां अखिलेश यादव उपचुनाव की जीत का रिटर्न गिफ्ट मायावती को देना चाहते हैं. वहीं दूसरी और बीजेपी अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए सियासी गणित में लगी है.


चुनाव से पहले 21 मार्च को लखनऊ में बैठकों का लंबा दौर चला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने घर पर विधायकों को डिनर के लिए बुलाया. योगी के इस डिनर में ओम प्रकाश राजभर भी पहुंचे. ओम प्रकाश राजभर की पार्टी भासपा के चार विधायक हैं. ओपी राजभर पहले नाराज थे लेकिन अमित शाह से मुलाकात के बात बीजेपी को वोट देने के लिए तैयार हो गए हैं. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल के भी 9 विधायक योगी के घर मौजूद थे.


दूसरी ओर अखिलेश यादव ने अपने विधायकों को होटल ताज में बुलाया. अखिलेश के इस डिनर में निर्दलीय विधायक राजा भैया के पहुंचने से राज्यसभा चुनाव ने नया मोड़ ले लिया. राजा भैया के पास निर्दलीय विधायक सरोज पांडे का भी वोट है. होटल से निकलने के बाद राजा भैया ने कहा कि वो अखिलेश के साथ थे, हैं और रहेंगे.


अखिलेश के खेमे में राजा भैया, ये है एसपी के वोटों का गणित
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के पास एक बागी को छोड़कर 46 विधायक हैं. राजा भैया और उनके करीबी विनोद सरोज अखिलेश के साथ हैं. यानी जया बच्चन को 37 वोट मिलने के बाद 11 वोट बच जाएंगे. इन 11 के अलावा बीएसपी के 19, कांग्रेस के 7 और आरएलडी के 1 को जोड़ दें तो कुल 38 वोट हो जाता है.


बीजेपी के वोट का क्या गणित है?
296 वोट के साथ बीजेपी का 8 उम्मीदवार जीत जाएंगे. नौवें उम्मीदवार के लिए बीजेपी के 15 वोट बच जाएंगे. एनडीए की सहयोगी अपना दल के 9 वोट बीजेपी के साथ हैं.


ओपी राजभर की पार्टी भारतीय समाज पार्टी के भी 4 वोट का समर्थन मिल रहा है. निषाद पार्टी के विजय मिश्रा भी बीजेपी के साथ हैं. इनकी पार्टी का भी एक वोट बीजेपी के साथ है.


निर्दलीय अमनमणि त्रिपाठी भी बीजेपी के साथ हैं. एसपी के बागी नितिन अग्रवाल का वोट बीजेपी को मिलेगा. नौवें उम्मीदवार के लिए बीजेपी के पास 31 वोट हैं. बीजेपी को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए अभी 6 वोट और चाहिए. ये तभी संभव है जब एसपी, बीएसपी, कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हो.


बता दें कि बीएसपी के बाहुबली विधायक मुख़तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं. समाजवादी पार्टी के एमएलए हरिओम यादव भी फ़िरोज़ाबाद की जेल में बंद हैं. अगर ये दोनों विधायक विधानसभा पहुंच कर 23 मार्च को वोट नहीं डाल पाये तो फिर फ़ायदा बीजेपी का ही होगा.


कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव, ये भी समझिए
राज्यसभा संसद का उच्च सदन होता है, राज्यसभा राज्यों की परिषद है. यानी ये अप्रत्यक्ष रुप से जनता का प्रतिनिधित्व करती है. कोई भी बिल लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी पास होना जरूरी है. राज्यसभा में बिल पास ना होने पर वो कानून नहीं बन पाता है.


राज्यसभा में कुल 233 सदस्य होते हैं जबकि राष्ट्रपति अधिकतम 12 सदस्य नॉमिनेट कर सकते हैं. इस तरह राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं. राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 6 साल का होता है. इनमें से हर 2 साल में एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म होता है, इसलिए उतनी सीटों के लिए चुनाव होते हैं.


राज्यसभा के चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा और विधानसभा चुनावों से अलग है. राज्यसभा के चुनाव में लोकसभा चुनाव की तरह आम आदमी वोट नहीं करता है. जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यानी सिर्फ विधायक वोट करते हैं. इस चुनाव में विधायक प्राथिमकता के आधार पर वोट करता है. यानी विधायक को बताना होता है कि उम्मीदवारों में पहली पसंद कौन है.


वोटिंग के लिए होगा खास तरह के पेन का इस्तेमाल
राज्यसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने एक खास किस्म के पेन के इस्तेमाल का निर्देश दिया है. इस पेन को कर्नाटक के मैसूर में स्थित मैसूर पेंट्स एवं वर्निश लिमिटेड ने तैयार किया है. पेन का रंग ग्रे होगा जबकी स्याही का रंग बैंगनी होगा.


पेन यूज एंड थ्रो और नॉन रिफिलेबल प्रकृति का होगा. हर एक पेन के लिए विशिष्ट क्रम संख्या होगी. पेन पर काले रंग से भारत निर्वाचन आयोग का नाम और लोगो भी छपा होगा. पेन की निब सील होगी जिसे कोई खोल न सके. साल 2016 में हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में पेन की स्याही को लेकर विवाद हो गया था.