पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा पंडाल को 'नो एंट्री जोन' बनाया गया, हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के सभी पंडाल को नो एंट्री जोन बनाने का निर्देश दिया है. ऐसे में अब सिर्फ आयोजकों को ही पंडाल में एंट्री मिलेगी.
कोलकाता: कलकत्ता हाई कोई ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के सभी पंडाल को 'नो एंट्री जोन' घोषित किया है. ऐसे में अब श्रद्धालुओं को पंडाल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पंडाल के अंदर केवल आयोजकों को ही जाने की इजाजत होगी. जिन लोगों को अंदर जाने की इजाजत होगी उनके नाम पंडाल के बाहर लिखे होंगे.
अदालत ने आदेश दिया कि छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे जबकि बड़े पंडालों के लिए यह दूरी 10 मीटर होनी चाहिए.
न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि बैरिकेडों पर प्रवेश निषेध के बोर्ड लगे होने चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि आयोजन समितियों से जुड़े सिर्फ 15 से 25 लोगों को ही पंडालों में प्रवेश करने की अनुमति होगी.
बता दें कि कोविड-19 के मद्देनजर इस बार कई दुर्गा पूजा समितियों ने आगंतुकों के आगमन पर रोक लगाते हुए आभासी 'दर्शन' का प्रबंध किया है.
हालांकि कई अन्य दुर्गा पूजा संघों का कहना है कि यह महोत्सव समावेशिता की भावना से ओतप्रोत है और आगंतुकों को पंडालों में आने से नहीं रोका जा सकता. उन्होंने भीड़ को संभालने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
All Durga Puja pandals declared no-entry zone in West Bengal. Only organizers can enter the pandals. Names of people allowed to enter the pandals to be displayed outside it, orders Calcutta High Court
— ANI (@ANI) October 19, 2020
शहर के कम से कम दो बड़े पूजा आयोजकों संतोष मित्रा स्क्वायर और देबदारू फाटक ने घोषणा की है कि इस बार बाहरी लोगों को आने की अनुमति नहीं होगी. उन्होंने कहा है कि लोग उनके यू-ट्यूब चैनलों के जरिये माता दुर्गा की मूर्ति की झलक पा सकते हैं और रस्में अदा कर सकते हैं.