Gyanvapi Case: अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद (All India Gyanvapi Mukti Mahaparishad) के तत्वावधान में 6 जून सोमवार को सुबह 8 बजे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में ज्ञानवापी स्थित हनुमानजी का दर्शन पूजन व सामूहिक हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) व बजरंग बाण का पाठ आयोजित किया जाएगा. संगठन ने कहा कि कार्यकर्ता हनुमान जी का दर्शन पूजन करके उनसे ज्ञानवापी की मुक्ति की प्रार्थना करेंगे. इसी संगठन के मुख्य पदाधिकारी की याचिका पर कल वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) में सुनवाई भी होगी.


बता दें कि, अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने पूजा की मांग को लेकर याचिका लगाई है. संगठन ने याचिका में कहा कि हमारी छोटी सी मांग है कि हमें हमारे आराध्य की दिन में एक बार पूजा करने दें. पूजा का अधिकार प्रत्येक सनातन धर्मी का मौलिक अधिकार है इसलिए उन्होंने ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति के लिए अपने वकील रमेश उपाध्याय के जरिये जिला जज की कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने सुनवाई के लिए 6 जून की डेट तय की है. 


ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में जुलाई में होगी सुनवाई


बता दें कि, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Case) को लेकर वाराणसी (Varanasi Court) के जिला जज की अदालत में 31 मई यानी सोमवार को सुनवाई हुई थी. इस दौरान अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दलीलें रखी गई थी. मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलों में पूरे मामले को खारिज करने की बात करता रहा. मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराई थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 4 जुलाई तक टाल दिया था.


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. काफी हंगामे के बाद सर्वे हुआ था. 


सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने वुजूखाने में शिवलिंग (Shivling) मिलने के दावा किया था. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा था. जिसके बाद वुजूखाना सील कर दिया गया था. इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सेशन कोर्ट से वाराणसी जिला कोर्ट (Varanasi Court) को भेज दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि 8 हफ्तों तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को 8 हफ्ते का अंतरिम आदेश जारी किया था. 


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