UCC Issue: समान नागरिक संहिता पर इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ उमेर अहमद इलियासी की क्या है राय? जानें
Uniform Civil Code News: समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी ने अपना रुख बताया है.
Imam Umer Ahmed Ilyasi On UCC: समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा है कि यूसीसी का मसला केवल मुस्लिमों का मामला नहीं है. केवल विरोध करना अच्छी बात नहीं है.
इलियासी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से अपनी बात रखी, उस पर विचार होना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ईद के बाद वह ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन की एक बैठक बुलाएंगे, उसमें यूसीसी को लेकर क्या सहमति बनती है, तय करेंगे.
यूसीसी पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष का रुख
न्यूज 18 इंडिया से बातचीत के दौरान इमाम उमेर अहमद इल्यासी ने कहा, ''प्रधानमंत्री जी ने पहली बार जिस तरह से अपनी बात रखी है, उस पर विचार होना चाहिए. विरोध समाधान नहीं है. बातचीत के जरिये किसी मसले का हल निकलता है.''
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री जी कोई भी काम करते हैं, मौजूदा सरकार कोई भी काम करती है, सिर्फ उसका विरोध करना है, ये तो अच्छी बात नहीं है. इससे पहले की जो सरकारें थीं, उन्होंने जिस तरह से मुसलमानों के साथ या मुसलमानों की जो राजनीति की है... मुझे लगता है कि मुसलमानों की भी समझ में अब आ चुका है.''
विरोध शायद खत्म हो जाए- इमाम उमेर अहमद इलियासी
इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा, ''जहां तक यूसीसी का मसला है वो खाली मुसलमानों का तो मसला नहीं है, देश बहुत बड़ा है, भारत एक बड़ा देश है, इसमें हर 20 किलोमीटर के बाद जातियां बदल जाती हैं, बोलियां बदल जाती हैं, भाषाएं बदल जाती हैं.''
उन्होंने आगे कहा, ''देश के अंदर अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं, जातियां रहती हैं, पंथ रहते हैं, ट्राइब्स रहते हैं, सबकी अपनी परंपराएं हैं तो मुझे लगता है कि ये इतना आसान तो नहीं होगा लेकिन अगर हम सब इस पर मिलकर एक अच्छा सा ड्राफ्ट बनाएं, उस ड्राफ्ट में सभी की आम सहमति अगर बनती है तो मुझे लगता है कि ये विरोध शायद खत्म हो जाए. ये मसला भी शायद खत्म हो जाएगा.''
उन्होंने सलाह दी कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को देश के धर्म गुरुओं को भी बुलाकर एक साझा बैठक करनी चाहिए, उनका नजरिया भी लेना चाहिए. उसके बाद जो भी फैसला हो या जो भी एक ड्राफ्ट तैयार हो तो वो ज्यादा बेहतर होगा.
'नजरिया अच्छा होगा तो नजारे भी अच्छे मिलेंगे'
इमाम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष ने कहा कि कभी भी किसी चीज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, अगर सामने आ रहा है तो उसको फेस करना चाहिए. उन्होंने कहा, ''हमें बैठकर बातचीत करनी चाहिए. हो सकता है कि उसमें और अच्छी चीजें बन जाएं, ऐसी चीजें हो जाएं जो सबके लिए अच्छी हो जाएं. नजरिया अच्छा होगा तो नजारे भी अच्छे मिलेंगे. नजरिया बदलने की जरूरत है तो बेहतर हो जाएगा.''
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