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ऑल इंडिया जमीयत उलेमा -ए-हिंद ने भीड़ की हिंसा के खिलाफ कानून की मांग की
ऑल इंडिया जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भीड़ द्वारा हिंसा करने की बढ़ती घटनाओं को लेकर कानून बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस बुराई से निपटने के लिए महज खानापूर्ति काफी नहीं होगी.
अलीगढ़: ऑल इंडिया जमीयत उलेमा -ए-हिंद ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर भीड़ द्वारा हिंसा करने की बढ़ती घटनाओं पर शुक्रवार को चिंता प्रकट की और उस पर अंकुश लगाने के लिए विशेष कानून की मांग की.
अपनी कार्यसमिति की बैठक में इस संगठन ने इस बात पर बल दिया कि इस बुराई से निपटने के लिए महज खानापूर्ति काफी नहीं होगी क्योंकि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्तव्य है.
बैठक की अध्यक्षता करने वाले जमीयत के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने मीडिया से कहा कि भीड़ की हिंसा से निपटने के लिए विशेष कानून बनाने की मांग उठायी गयी है. उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश को किसी खास विचारधारा या धर्म से संचालित नहीं किया जा सकता.
अरशद मदनी ने कहा कि यदि देश धर्मनिरपेक्षता एवं धार्मिक तटस्थता का पालन करेगा तभी वह तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. यहां अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को उनके धर्म के कारण निशाना बनाया जा रहा है.
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तहसीन मुनव्वरवरिष्ठ पत्रकार
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