नई दिल्ली: अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सरकार जो चाहती है वही हो रहा है. उन्हें मालूम था कि कोर्ट जाकर कमेटी बनवाएंगे. हमें बोला गया कोर्ट में चलो. शुरू से हमें मालूम था कि कमेटी बनेगी कॉरपोरेट समर्थक लोगों से जो कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं बोलेंगे. गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए चार सदस्यी कमेटी बना दी. किसान संगठनों कानून पर रोक लगाने के फैसले का तो स्वागत किया लेकिन उन्हें कमेटी के सामने पेश होने से साफ तौर पर इनकार कर दिया.
कांग्रेस ने कहा- कमेटी के सदस्य पहले से कानूनों के समर्थक
कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के जो चार सदस्य बनाए हैं वे तो पहले ही कृषि कानूनों के समर्थक हैं. ऐसी कमेटी के सदस्य क्या न्याय करेंगे? उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी इतने अहंकारी मत बनिए किसानों की सुनिए नहीं तो देश आपकी बात सुनना बंद कर देगा."
बीजेपी ने फैसले का स्वागत किया
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. जो कमेटी बनाई गई है निश्चित रूप से आने वाले समय में सबसे निष्पक्ष राय लेगी. कमेटी किसान यूनियन के लोगों से और अन्य विशेषज्ञों से भी राय लेगी और उसके बाद निर्णय देगी. पुराने बिल इतने अच्छे होते तो किसान गरीब और आत्महत्या के लिए मज़बूर नहीं होता. इस कानून को कुछ समय देखें अगर कुछ नहीं लगेगा तो भविष्य में और भी संशोधन किया जा सकता है.
वहीं बीजेपी संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं और आशा रखते हैं कि दूसरे पक्ष भी इसे स्वीकार करेंगे. जो रास्ता कोर्ट ने दिखाया है उस पर हम आगे बढ़ेंगे. कोर्ट भी समाधान चाहती है और हम भी यही चाहते हैं. 4 एस(S) हैं जिनके माध्यम से देश आगे बढ़ सकता है समन्वय, संवाद,सहमति और समाधान.
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि अफसोस की बात है कि कुछ लोग क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का संदूक लेकर किसानों के कंधे पर बंदूक चला रहे हैं. ये लोग किसानों के हितैषी नहीं हैं. भ्रम का माहौल पैदा करने वाले ये लोग ट्रेडिशनल प्रोफेशनल भ्रमजाल के जादूगर हैं.