ट्रांसपोर्टर ने किया किसान आंदोलन के समर्थन का एलान, कहा- सरकार नहीं मानी, तो जरूरी चीजों की होगी किल्लत
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि किसान हमारा अन्नदाता है और वह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी की तरह है. ऐसे में उनकी मांगों की अनदेखी करना सही नहीं है.
नई दिल्ली: हर गुजरते दिन के साथ किसानों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है और नए-नए लोग इससे जुड़ते जा रहे हैं. बुधवार को अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती, तो अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में सामानों की आवाजाही और उसकी सप्लाई रोक देगी.
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि किसान हमारा अन्नदाता है और वह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी की तरह है. ऐसे में उनकी मांगों की अनदेखी करना सही नहीं है. अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि हमारे देश में ग्रामीण इलाके के करीबन 70 फ़ीसदी परिवार किसानी और खेती से जुड़े हुए हैं. ऐसे में यह किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं और इनकी मांगों को गंभीरता से लेना जरूरी है.
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है की किसानों के आंदोलन की वजह से समूचा उत्तर भारत प्रभावित है. इसका असर यह हो रहा है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से जो खाने-पीने की जरूरत की चीजें हैं वह एक जगह से दूसरी जगह नहीं पहुंच पा रही क्योंकि देश का अन्नदाता सड़कों पर है.
ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि किसानों के आंदोलन और प्रदर्शन की वजह से ना सिर्फ फल और सब्जी, बल्कि उसके साथ ही में दूध दवा, जैसी जरूरी उपयोग की वस्तुएं भी एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पा रही हैं. डाकोर कांग्रेस का कहना है कि अगर जल्दी हालात काबू में नहीं आए तो आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में सामान की किल्लत होनी शुरू हो जाएगी.
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस जल्द ही किसानों के समर्थन में क्या कदम उचित रहेंगे उनको लेकर फैसला करेगी और यह भी हो सकता है कि दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत और फिर देश में सामान की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला भी ले लिया जाए. लिहाज़ा ये जरूरी यह है कि केंद्र सरकार किसानों की बातों को गंभीरता से लेते हुए इस मुद्दे का हल जल्द से जल्द निकालने की कोशिश करें.
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