All India Muslim Personal Law Board Meeting: देश में पिछले कुछ महीनों से यूनीफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा काफी चर्चा में है. जैसे-जैसे 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इस मुद्दे पर बहस भी तेज होती जा रही है. रविवार (5 फरवरी) को हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की बैठक में भी समान नागरिक संहिता सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार (5 फरवरी) को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक हुई. इस बैठक में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए थे. बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने बताया, "देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है, जो देश के लिए नुकसानदायक है."
UCC को बताया गैरकानूनी
रहमानी ने कहा, "देश के संविधान में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है. इसलिए हुकूमत को मजहबी आजादी का एहतराम करना चाहिए." समान नागरिक संहिता पर उन्होंने कहा, "यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना गैर-कानूनी होगा. इतने बड़े देश में जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग हैं, वहां इस तरह का कानून मुमकिन नहीं है और न ही इससे देश का कोई फायदा होगा."
मथुरा-ज्ञानवापी पर भी चर्चा हुई
जानकारी के मुताबिक, बैठक में ज्ञानवापी और मथुरा मामले को लेकर भी चर्चा हुई. इस मामले पर कहा गया कि 1991 के प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट को संसद ने बनाया था. उसको कायम रखना सरकार की जिम्मेदारी है. इस बैठक में वक्फ की सुरक्षा, गरीबों और मुसलमानों की शिक्षा, गरीब मुसलमान वक्फ का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं पर भी चर्चा हुई. बैठक में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी बढ़ाने पर भी चर्चा की गई.
बैठक में ओवैसी भी शामिल हुए
बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने बताया, "इस बैठक में धर्म परिवर्तन, ज्ञानवापी और इस तरह के अन्य मामलों पर चर्चा की गई." बैठक में असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना अरशद मदनी, मौलाना खालिद रशीद, डॉक्टर असमा जेहरा मौजूद रहे.