All India Muslim Personal Law Board: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा दिलाने सहित अन्य सुधारों को लेकर अभियान चलाएगा. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी में सोमवार (18 सितंबर) को हुई मीटिंग में ये फैसला लिया गया.
एआईएमपीएलबी (AIMPLB) ने कहा कि शरिया कानून में बेटी को पिता की संपत्ति में से तय हिस्सा मिलने का प्रावधान है, लेकिन कई मामलों ये नहीं दिया जा रहा है. ऐसे ही बेटे की प्रॉपर्टी से मां और पति की संपत्ति से विधवा को हिस्सा नहीं दिया जा रहा है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्या कहा?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ एसक्यूआर इलियास ने कहा कि वर्किंग कमेटी की मीटिंग में हमने महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों को लेकर चर्चा की. इसमें महिलाओं का शोषण, भ्रूण हत्या और दहेज सहित कई मामले हैं.
बोर्ड ने कहा कि इन मामलों पर विशेष ध्यान देने और अभियान को लेकर देश को तीन हिस्सों में बांट दिया गया है. मौलना एस अहमद फैसल रहमानी, मौलाना मोहम्मद उमरैन रहमानी और मौलाना यासीन अली उस्मानी इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
समान नागरिक संहिता पर क्या कहा?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी में भाग लेने वालों ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बोर्ड की गई गोलमेज बैठक, विभिन्न धार्मिक और नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की सराहना की. इस दौरान कमेटी ने वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर हो रही सरकार की कार्रवाई को लेकर भी चिंता जताई.
बता दें कि हाल ही में विधि आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर धार्मिक संगठनों और लोगों से राय मांगी थी. इसपर बोर्ड ने राय देते हुए कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है. साथ ही लोगों से इसका विरोध करने की अपील की थी.
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