Syria: सीरिया में विद्रोही समूह ने राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण कर लिया लिया है. विपक्षी लड़ाकों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका है. राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके परिवार ने मास्कों में शरण ली है.
सीरिया में तख्तापलट के बाद से ही हालात खराब है. जानकरी के अनुसार, दमिश्क में भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है.
'भारतीय दूतावास अभी भी सक्रिय'
हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दमिश्क में भारतीय दूतावास अभी भी सक्रिय है और सभी भारतीय नागरिकों के संपर्क में है, जो सुरक्षित हैं. सीरिया में दूतावास भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए उपलब्ध है. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 14 ऐसे हैं जो संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न संगठनों में काम कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से कहा है कि वे अपनी सुरक्षा के प्रति अत्यधिक सावधानी बरतें और अपनी आवाजाही कम से कम रखें.
जो बाइडन ने जारी किया बयान
इसी बीच अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का पतन देश के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि असन शासन ने बीते 50 साल में हजारों निर्दोष सीरियाई लोगों के साथ क्रूरता की, उन्हें प्रताड़ित किया और उनकी जान ली.
कई वर्षों के हिंसक गृहयुद्ध और बशर अल-असद एवं उनके परिवार के दशकों के नेतृत्व के बाद विद्रोही समूहों के देश पर कब्जा कर लिया जिसके कुछ घंटों बाद बाइडन ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) में यह बात कही.
आखिरकार हुआ असद शासन का पतन
बाइडन ने कहा, "सीरिया में 13 साल के गृहयुद्ध और बशर असद तथा उनके पिता के करीब आधी सदी से अधिक समय तक क्रूर तानाशाहीपूर्ण शासन के बाद विद्रोही ताकतों ने असद को अपने पद से इस्तीफा देने एवं देश से भागने पर मजबूर कर दिया. हमें मालूम नहीं है कि वह कहां है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि वह रूस की राजधानी मॉस्को में है. आखिरकार असद शासन का पतन हो गया."
(इनपुट भाषा के साथ)