नई दिल्ली: अगर कोई कोरोना संक्रमित हो जाए या कोई कोरोना वैक्सीन की पहली डोज के बाद पॉजिटिव हो जाए तो उसे कब वैक्सीन दी जा सकती है? वहीं सभी स्तनपान कराने वाली महिला को टीका लगेगा? इन सारे सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति साफ कर दी है.  


नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में नई सिफारिशें साझा कीं. ये सिफारिशें कोरोना महामारी की उभरती स्थिति और वैश्विक वैज्ञानिक साक्ष्य और अनुभव पर आधारित हैं, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है. जो इस प्रकार हैं- 


- कोरोना संक्रमित हुए व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन ठीक होने के 3 महीने बाद दी जाएगी.   


- SARS-2 COVID-19 रोगी जिन्हें SARS-2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या प्लाज्मा दिया गया है, उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज के दिन से महीने बाद उनका टीकाकरण होगा. 


- जिन व्यक्तियों ने पहली डोज ली है और वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरा होने से पहले कोरोना संक्रमण हो जाता है तो दूसरी डोज बीमारी से ठीक होने के बाद लेनी चाहिए.  


- किसी और बीमारी से अस्पताल में भर्ती या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता वाले किसी भी अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को भी कोरोना वैक्सीन प्राप्त करने से पहले 4-8 हफ्ते रुकना चाहिए. 


- कोई व्यक्ति कोरोना वैक्सीन लेने के 14 दिनों के बाद रक्तदान कर सकता है. 


- कोरोना से पीड़ित होने पर RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट आने पर भी वो रक्तदान कर सकता है. 


- सभी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन की सिफारिश की गई है. 


- कोरोना टीकाकरण से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) द्वारा वैक्सीन लेनेवालों की स्क्रीनिंग की कोई जरूरत नहीं है. 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्टी लिखकर संबंधित अधिकारियों को इन सिफारिशों पर ध्यान देने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. राज्यों को सलाह दी गई है कि वे स्थानीय भाषाओं में सूचना और प्रभावी प्रसार सुनिश्चित करें. साथ ही राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी स्तरों पर टीकाकरण कर्मचारियों का प्रशिक्षण करवाएं.