पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में कश्मीर के सभी नेता शामिल होंगे- फारुक अब्दुल्ला
पीएम मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को होने वाली बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर के चार मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं को न्योता दिया गया है. उम्मीद की जा रही कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रूपरेखा पर चर्चा होगी.
श्रीनगर में गुपकार नेताओं की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि पीएम मोदी के साथ 24 जून को होने वाली सर्वदलीय बैठक में कश्मीर के सभी नेता शामिल होंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने कहा, 'हम सभी सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे. अपनी बात प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री के सामने रखेंगे. केंद्र की ओर से मीटिंग का कोई भी एजेंडा स्पष्ट नहीं किया गया है.'
प्रधानमंत्री के साथ बैठक पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "बैठक में महबूबा जी, मैं तारीगामी साहब और हममें से जिनको भी बुलाया है, हम लोग जा रहे हैं. हम सब बात करेंगे. हमारा मकसद सभी को मालूम है. वहां पर आप हर बात पर बोल सकते हैं. उनकी तरफ से कोई एजेंडा तय नहीं हुआ है."
"सरकार को पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए"
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'केंद्र सरकार को पहले हमारे कश्मीरी लोगों को जेल से आजाद करना चाहिए. इसका मतलब ये नहीं कि हम बातचीत के खिलाफ है. सरकार को पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए. हम वहां जाएंगे और अपनी बात रखेंगे.' गुपकार नेताओं से साफ-साफ कहा कि सर्वदलीय बैठक में अगर पीएम मोदी की बात अगर कश्मीर के लोगों के हित में होगी तो मानी जाएगी, बर्ना हम सीधे-सीधे मना कर देंगे.
बता दें, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर के चार मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं को न्योता दिया गया है जिसमें उम्मीद की जा रही कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रूपरेखा पर चर्चा होगी. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इन नेताओं को बैठक में आमंत्रित करने के लिए आठ पार्टियों- एनसी, पीडीपी, बीजेपी, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी, माकपा, पीपुल्स पार्टी और पैंथर्स पार्टी से फोन पर संपर्क किया. यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को प्रधानमंत्री आवास पर अपराह्न तीन बजे होगी. पांच अगस्त 2019 को केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद प्रधानमंत्री का जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों से यह पहला सीधा संवाद होगा. हालांकि, साल 2018 से ही राज्य में केंद्रीय शासन है.
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