केरल: एयरपोर्ट को लेकर CM ने फिर लिखा PM को पत्र, मंत्री ने बताया क्यों प्राइवेट हाथ में गया हवाई अड्डा?
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक में तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी एंटरप्राइजेज को पीपीपी के तहत पट्टे पर देने के फैसले का विरोध किया गया.
नई दिल्ली: केरल की पिनरई विजयन सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी एंटरप्राइजेज को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 50 साल के लिये पट्टे पर देने के फैसले का विरोध किया है.
आज इसी सिलसिले में लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में उन्होंने सर्वदलीय बैठक के बारे में जानकारी दी और कहा कि करीब सभी दलों ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें और फैसले पर पुनर्विचार किया जाए.
सर्वदलीय बैठक को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने केंद्र सरकार के फैसलों का विरोध किया है. सीएमओ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक ने कानूनी कार्रवाइयों को जारी रखने और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निजीकरण के खिलाफ एक साथ आगे बढ़ने का फैसला किया गया है.
केंद्रीय मंत्री की सफाई
इससे पहले नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर बताया कि क्यों प्राइवेट हाथ में हवाई अड्डा दिया जा रहा है. हवाईअड्डों की 2019 की निजीकरण प्रक्रिया के बारे में पुरी ने ट्विटर पर कहा, “पट्टा हासिल करने वाली बोली में प्रति यात्री 168 रुपये शुल्क का जिक्र था जबकि केएसआईडीसी (केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम) ने प्रति यात्री 135 रुपये और बोली लगाने वाली तीसरी कंपनी ने 63 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी.”
प्रति यात्री शुल्क 2019 की शुरुआत में हुई छह हवाईअड्डों की बोली प्रक्रिया का पैमाना था. यह छह हवाईअड्डे- लखनऊ, अहमदाबाद, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम थे. अडानी एंटरप्राइजेज ने इन छह हवाईअड्डों के लिये सबसे ज्यादा बोली लगाई थी.
पुरी ने कहा कि बोली प्रक्रिया से पहले केंद्र और केरल सरकार में यह सहमति बनी थी कि अगर केएसआईडीसी की बोली जीतने वाली बोली के 10 प्रतिशत के दायरे में रहती है तो हवाईअड्डे का पट्टा उसे दिया जाएगा.
GoI granted "In principle" approval on 08.11.2018 for leasing out the operations, management & development of six (06) AAI Airports viz Ahmedabad, Lucknow, Mangaluru, Jaipur, Guwahati & Thiruvananthapuram Airports through PPP mode.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 20, 2020
हालांकि अडानी की बोली और केएसआईडीसी की बोली में बोली प्रक्रिया के दौरान 19.64 प्रतिशत का अंतर था इसलिये अडानी को पट्टा हासिल हुआ. पुरी ने कहा, “इसलिये केरल सरकार को आरओएफआर (पहले खारिज करने का अधिकार) का विशेष प्रावधान दिये जाने के बावजूद वे पारदर्शी तरीके से हुई बोली प्रक्रिया के लिये अर्हता प्राप्त नहीं कर सके.”