Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान संकट पर सभी दलों की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटों तक चली. 31 दलों के 37 नेताओं ने इसमें भाग लिया. लगभग सभी लोगों ने अपनी बात रखी. तालिबान के प्रति भारत सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति ठीक नहीं हुई है, इसे ठीक होने दीजिए.
एस जयशंकर ने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को आज अफगानिस्तान की स्थिति से अवगत कराया. हमारा ध्यान निकासी पर है और सरकार लोगों को निकालने के लिए सब कुछ कर रही है. सभी दलों के विचार समान हैं, हमने मुद्दे पर राष्ट्रीय एकता की भावना से बात की.
विदेश मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन 'देवी शक्ति' के तहत हमने 6 फ्लाइट्स का संचालन किया. हम अधिकांश भारतीयों को वापस लाए हैं. लेकिन सभी को वापस नहीं ला पाए क्योंकि कुछ लोग उड़ान के दिन नहीं पहुंच सके. हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे और सभी को बाहर लाएंगे. हमने कुछ अफ़ग़ान नागरिकों को भी निकाला है.
एस जयशंकर ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द पूर्ण निकासी सुनिश्चित करने के लिए बहुत दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. साथ ही हम अंतरराष्ट्रीय फैसलों के संदर्भ को भी देख रहे हैं और वहां पर जो सभाएं होती है, हमारी भूमिका को मान्यता दी जाती है. आने वाले दिनों में और भी कई बैठकें होंगी.
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "यह पूरे देश की समस्या है. हमें लोगों और राष्ट्र के हितों के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने हमें वेट एंड बॉच के लिए कहा. सभी दलों ने एक ही विचार रखा है. इसका मतलब है कि अभी दूसरे देशों का क्या रुख रहेगा तालिबान के बारे में, उनके बारे में, ये सब चीजें बाद में बताई जाएंगी. दूसरा मुद्दा हमने जो कहा था एक महिला डिप्लोमेट...जिसको डिपोर्ट किया गया था...तो उन्होंने कहा था कि हो गई गलती, ऐसा आइंदा नहीं होगा...इसका हम देखेंगे. और बाकी जो चीजें स्टूडेंट्स हैं, अफगानिस्तान के नागरिक जो यहां हैं उनके हित के बार में भी देखा जाएगा."
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