All Party Meet: सर्वदलीय बैठक के बाद बोले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे- हमें डर है कि कृषि बिल फिर से आएगा
All Party Meet: सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने मांग की है कि जल्द से जल्द एमएसपी गारंटी का कानून बने. कोरोना में मारे गए करीब 52 लाख लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए.
Mallikarjun Kharge Statement After All Party Meet: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने से पहले आज यानी रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं रहे. सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने मांग की है कि जल्द से जल्द एमएसपी (MSP) गारंटी का कानून बने. कोरोना में मारे गए करीब 52 लाख लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए. हम अपेक्षा कर रहे थे कि पीएम आएंगे और कुछ नई बातें बताएंगे. पीएम ने कहा था कि वो कृषि कानून वापस तो ले रहे हैं, लेकिन हम लोगों को समझा नहीं पाए, तो हमें डर है कि किसी न किसी रूप में कृषि बिल फिर से आएगा. हम पीएम से जानना चाहते हैं कि इस पर उनका क्या कहना है?"
टीएमसी के मुद्दे पर खड़गे का बयान
वहीं, कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में कल टीएमसी शामिल नहीं हो रही है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "डेरेक ओ ब्रायन से हमारी बात हुई. उन्होंने कहा कि कल उनकी पार्टी कार्यकारिणी की बैठक है." खड़ने ने आगे कहा, "इसी तरह पवार जी का फोन आया था. कल संजय राउत जी के घर में शादी होने के चलते वो नहीं आ पाएंगे." हालांकि, टीएमसी के सांसद सुदीप बनर्जी ने पुष्टि की है कि कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी टीएमसी शामिल नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगी."
बैठक में कई दलों के नेता हुए शामिल
गौरतलब है कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सरकार की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बनर्जी, डेरेक ओब्रायन, डीएमके से टीआर बालू, टी. शिवा और एनसीपी से शरद पवार शामिल रहे. इस दौरान टीएमसी की तरफ से सरकार के सामने 10 मुद्दे उठाए गए, जिसमें बेरोजगारी, ईंधन और आवश्यक चीजों की बढ़ती कीमतें, एमएसपी को लॉ में शामिल करना, कई तरह से संघीय ढ़ांचे को कमजोर किया जाना, लाभकारी पीएसयू में विनिवेश को रोका जाना, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र, पेगासस का मुद्दा, कोरोना की स्थिति, महिला आरक्षण बिल और डू नोट बुलडोज बिल्स (स्क्रूटनाइज बिल्स) शामिल हैं.