नई दिल्ली: कांग्रेस समेत देश के 21 विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविर पर वायुसेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता प्रकट की. हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों के शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है. भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस और कई अन्य विपक्षों की दलों की बैठक हुई.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, कल भारतीय वायुसेना की तरफ से की गई कार्रवाई की हम तारीफ करते हैं. पाकिस्तान में गिरे एक लड़ाकू विमान और पायलट के गुम होने पर भी चिंता है. आतंकवाद को खत्म करने में सुरक्षा बलों की सराहना करते हैं लेकिन इस पूरे मामले के राजनीतिकरण पर हमें चिंता है.
पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की निंदा की गई
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की निंदा की गई. विपक्षी दलों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में अपने सशस्त्र बलों और सेना के प्रति एकजुटता का संकल्प दोहराते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है.
बैठक में ये नेता हुए शामिल
संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई इस बैठक में यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव सुधाकर रेड्डी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा और आरजेडी के मनोज झा शामिल हुए.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के टी शिवा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा, झारखंड विकास मोर्चा के अशोक कुमार, हम के जीतनराम मांझी, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के कोडानदरम, जेडीएस के कुंवर दानिश अली, केरल कांग्रेस (एम) के के. जोस मणि, और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में शिरकत की.
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