Monsoon Session of Parliament: संसद सत्र (Parliament Session) पर चर्चा के लिए सरकार की सर्वदलीय (All Party Meet) बैठक खत्म हो चुकी है. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Sinh) ने इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी (Prahlad Joshi) , केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) , अधीर रंजन चौधरी (Adheer Ranjan Chaudhary) , जयराम रमेश , डीएमके नेता टी आर बालू , टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय , शिवसेना नेता संजय राउत , एनसीपी नेता शरद पवार और प्रफुल पटेल , आप नेता संजय सिंह और अन्य नेता मौजूद रहे.
इस बैठक में टीडीपी , सपा , बसपा , सीपीएम , आरएसपी , आरजेडी के नेता भी मौजूद हैं. बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की इजाजत नहीं देने का मामला उठाया. तो वहीं एआईएडीएमके ने श्रीलंका का मुद्दा उठाया और वहां रह रहे तमिलों के हितों की रक्षा का मामला उठाया.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा हमने 13 मुद्दे रखे हैं
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमने 13 मुद्दे सरकार के सामने रखे हैं. अलग-अलग पार्टियों ने भी अपने मुद्दे रखे तो लगभग 25 मुद्दे हो गए. सरकार ने कहा कि 14 बिल तैयार हैं जबकि कुल 32 बिल हैं. 14 दिन में 32 बिल पास होना कैसे संभव है ये हमने पूछा है. लेकिन हम महंगाई , अग्निपथ योजना , संघीए ढांचा पर हमला , ईडी और बाक़ी एजेंसियों के दुरुपयोग पर भी चर्चा की मांग की है. चीनी घुसपैठ , वन संरक्षण क़ानून , कश्मीरी पंडितों का मसला भी शामिल है.
45 पार्टियों को बुलाया था, 36 पार्टियां ही आईंः प्रहलाद जोशी
प्रहलाद जोशी ने बताया, 'हमने करीब 45 पार्टियों को बुलाया था, 36 पार्टियां आई थीं मैं उनका आभारी हूं, उन्होंने सुझाव दिया है कि स्पीकर जिस मुद्दे पर भी चर्चा करने की मांग करेंगे, उन पर चर्चा के लिए तैयार हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं साफ करना चाहता हूं कि लोकसभा सचिवालय समय समय पर असंसदीय शब्दों की सूची तैयार करता है. ऐसा पहला संकलन 1954 में आया था. इस तरह के मामले इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि विपक्ष के पास और कोई मुद्दा नहीं है और मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.'
मनमोहन सिंह कितनी बार सर्वदलीय बैठक में आते थे?
इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, 'विपक्ष (Opposition) संसद (Parliament) की मर्यादा कम करने की कोशिश कर रहा है जो निंदनीय है. सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है. बैठक में पीएम (PM) की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया गया, मैं कहना चाहता हूं कि 2014 के पहले पीएम कभी नहीं आते थे. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) कितनी बार आते थे. कांग्रेस (Congress) के समय में तो कई बार मुख्य सचेतक ही बैठक ले लिया करते थे.' उन्होंने आगे कहा, श्रीलंका के मुद्दे पर 19 जुलाई को होगी सर्वदलीय बैठक.
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