चेन्नई: भारत आज साउथ एशिया कम्युनिकेशन सैटलाइट जीसैट-9 को लॉन्च करेगा. कल इसका काउंटडाउन शुरू हो गया. इस सैटलाइट से दक्षिण एशिया के देशों के बीच कम्युनिकेशन को बढ़ावा मिलेगा. कल इसे चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट GSLV-F09 लेकर जाएगा.


प्रधानमंत्री मोदी का पड़ोसियों को गिफ्ट
इस सैटलाइट को प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है. मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने के लिए कहा था वह पड़ोसी देशों को ‘‘भारत की ओर से उपहार’’ होगा. गत रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से ‘‘कीमती उपहार’’ होगा.


मोदी ने कहा था, ‘‘पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस परियोजना में भाग लेने वाले देशों की विकासात्मक जररतों को पूरा करने में इस उपग्रह के फायदे लंबा रास्ता तय करेंगे.’’


पाकिस्तान ने हिस्सा बनने से मना किया
आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव परियोजना का हिस्सा हैं. पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि ‘‘उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है.’’


इस सैटलाइट में क्या है खास?
इस उपग्रह की लागत करीब 235 करोड़ रपये है और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है. इसका मिशन जीवनकाल 12 साल का है. इस कम्युनिकेशन सैटलाइटका निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है.


सैटलाइट को लेकर क्या बोले इसरो अध्यक्ष
इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा, ‘‘कल शाम में चार बजकर 57 मिनट पर लॉन्च होगा. सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं.’’ जीसैट को लेकर जाने वाले GSLV-F09 का प्रक्षेपण चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांचिंग पैड से होगा. इसरो ने कहा, ‘‘GSLV-F09-जीसैट-9 मिशन के ऑपरेशन का 28 घंटे का काउंटडाउन आज (गुरुवार) दोपहर 12 बजकर 57 मिनट शुरू हुआ.’’


भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इसरो जीएसएलवी एमके 3 के बाद पीएसएलवी का प्रक्षेपण करेगा. उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल की शुरूआत में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण करेगा. इससे पहले संचार उपग्रह जीएसएटी-8 का प्रक्षेपण 21 मई 2011 को फ्रेंच गुएना के कोउरो से हुआ था.