मुंबई: गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला की गिरफ्तारी के बाद मुंबई अंडरवर्ल्ड के एक बड़े अध्याय का अंत हुआ है. पाकिस्तान में बसे दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील को छोड़कर लकड़ावाला आखिरी बड़ा नाम है जो अब सलाखों के पीछे है. लकड़ावाला के पहले मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े सारे बड़े चेहरे या तो मारे गये हैं या फिर जेल की रोटियां तोड़ रहे हैं.


जिस एजाज लकड़ावाला की गिरफ्तारी का मुंबई पुलिस ने गुरूवार को ऐलान किया उसने अपने आपराधिक करियर की शुरूआत दाऊद इब्राहिम के गिरोह से की थी. 1993-94 में जब मुंबई बम धमाकों के बाद छोटा राजन ने दाऊद गिरोह से बगावत करके अपना अलग गिरोह बना लिया तो एजाज लकड़ावाला भी उसके साथ हो गया. 15 सितंबर 2000 को छोटा शकील के शूटरों ने बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला किया. उस हमले में छोटा राजन बच तो गया लेकिन बुरी तरह से घायल हो गया. हमले के बाद राजन का गिरोह कमजोर होने लगा. उसके कई खास साथी उससे अलग होकर अपना अलग गिरोह चलाने लगे. चंद साल बाद एजाज लकड़ावाला ने भी उसका साथ छोड़ दिया. उसने भी अपना अलग गैंग बनाया और राजन की तरह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से ऑपरेट करने लगा. मुंबई के कारोबारियों, बिल्डरों और फिल्मी हस्तियों को उगाही के लिये धमकी भरे फोन आने लगे. मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद अब उसका खेल खत्म हो चुका है.


लकड़ावाला से पहले मुंबई अंडरवर्ल्ड के सभी बड़े नाम जेल पहुंचाये जा चुके हैं. 2005 में अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. फिलहाल वो मुंबई की तलोजा जेल में है. साल 2012 में अंडरवर्ल्ड ड़ॉन अरूण गवली को शिवसेना के एक पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. वो भी अब जेल में है. साल 2015 में छोटा राजन को इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया. उसे पत्रकार जे. डे. की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. फिलहाल वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में है. उसपर हत्या, हत्या की कोशिश और जबरन उगाही के करीब 70 मामलों की जांच सीबीआई कर रही है.


अमर नाईक नाम का एक खूंखार गैगस्टर साल 1997 में ही मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर विजय सालस्कर के हाथों मारा गया. उसका भाई अश्विन नाईक चंद साल पहले ही जेल काट कर बाहर आया है और फिलहाल उसने अंडरवर्ल्ड से तौबा कर ली है. फिल्मी हस्तियों और बिल्डरों पर हमले करने और उन्हें धमकाने के लिये कुख्यात डॉन रवि पुजारी को भी साल भर पहले सेनेगल में गिरफ्तार कर लिया गया. भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहीं हैं. जिन गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया है उनके खिलाफ सख्त Maharashtra Control of Oraganised Crime Act यानी मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया है.


मुंबई के सभी बड़े नामों के जेल या यमलोक पहुंचने के बाद अब बाहर रह जाते हैं दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और मुंबई बमकांड के आरोपी टाईगर मेमन. दाऊद के भाई इकबाल कासकर को 2 साल पहले ठाणे पुलिस ने जबरन उगाही के मामले में गिरफ्तार किया है और वो भी जेल में है. दाऊद और शकील को पकड़ने के लिये भारतीय एजेंसियां अब तक 3 बार मिशन चला चुकीं हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है.