देश में नए स्ट्रेन के बाद एक्शन में सरकार, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए बनाए 10 लैब
सरकार ने पिछले 14 दिनों के अंदर अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर आए ऐसे लोग जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उन सभी का जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का फैसला किया है.
देश में कोरोना के नए स्ट्रेन के 6 मामले सामने आने के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीनोम सीक्वेंसिंग के 10 लैब देशभर में बनाए हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा- ब्रिटेन से कोरोना के नए वैरिएंट की खबर आने से पहले ही हमने देशभर के लैब में 5 हजार जीनोम सिक्वेसिंग कराया था. अब हम उन नंबरों को लगातार बढ़ाएंगे और आपसी तालमेल के जरिए इस पर काम करेंगे.
स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा- देशभर में अब कोरोना के सक्रिय मामले 2 लाख 70 हजार से भी कम है और इसमें गिरावट आ रही है. पिछले हफ्ते के दौरान पॉजिटिविटी रेट सिर्फ 2.25 फीसदी रही. वहीं जिन लोगों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है, उन्हें आइसोलेट किया गया है और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है. इसके साथ ही, पिछले 14 दिनों के अंदर यानी 9 दिसंबर से लेकर 22 दिसंबर 2020 तक सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर आए वो लोग जिनमें लक्षण पाए गए और उनका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है, उन सभी की जिनोम सिक्वेंसिंग कराया जाएगा.
क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग आसान शब्दों में कहा जाए तो जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है. कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है. इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है. वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं. इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है.All the international passengers who have arrived in India during last 14 days (from 9th Dec to 22nd Dec, 2020), if symptomatic and tested positive will be subjected to genome sequencing, in the view of new COVID strain in the United Kingdom: Union Health Ministry pic.twitter.com/O8lN5ifMDS
— ANI (@ANI) December 29, 2020
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का आतंक जारी है. अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने भी भारत में दस्तक दे दी है. यूके से लौटे 6 लोगों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबित इनमें 3 सैंपल की NIMHANS, बेंगलुरु में पुष्टि हुई है. इसके अलावा 2 CCMB, हैदराबाद में मिले हैं और 1 NIV, पुणे में मिला है. वहीं जिन लोगों के सैंपल नए स्ट्रेन से पॉजिटिव पाए गए हैं, उन्हें राज्य सरकारों के जरिए निर्देश दिए गए अलग कमरे में आइसोलेट किया गया है.
देश में मिले 6 नए कोरोना स्ट्रेन के मामले
ब्रिटेन से आए जिन 6 लोगों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है, उनका इलाज किया जा रहा है. इसके साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारनटीन किया गया है. वहीं दिशानिर्देशों के मुताबिक सह-यात्रियों, पारिवारिक लोगों और अन्य लोगों के लिए व्यापक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी शुरू किया गया है. इसके अलावा अन्य सैंपल का जीनोम स्किवेंसिंग किया जा रहा है.
दरअसल, 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक यूके से करीब 33 हजार लोग भारत आए थे. इन सभी लोगों को ट्रैक किया गया और उनका टेस्ट करवाया गया. इसमें से कुल 114 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले थे. जिसके बाद इनके सैंपल का जीनोम स्किवेंसिंग किया गया था. इन्हें देश में 10 लैब (एनआईबीएमजी कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी पुणे, सीसीएस पुणे, सीसीएफडी हैदराबाद, सीडीएफडी हैदराबाद, इनामो बेंगलुरु, निमहंस बेंगलुरु, आईजीआईबी दिल्ली, एनसीडीसी दिल्ली) में भेजा गया. जहां इनकी जांच हुई.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की सबसे पहले ब्रिटेन में पुष्टि हुई थी. इसके बाद अब तक यह कई देशों में फैल चुका है. कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के मामले ब्रिटेन के अलावा अब भारत, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, लेबनान, सिंगापुर और नाइजीरिया में भी सामने आ चुके हैं. वहीं दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन मिला है. यह ब्रिटेन के नए स्ट्रेन से अलग है.