Agnipath Scheme: साल 1971 के युद्ध में जिस तरह आरएसएस (RSS ) के स्वंयसेवकों ने गोला-बारूद युद्ध के मैदान में पहुंचाया था, ठीक वैसे ही ऐसे अगर भविष्य में कोई युद्ध हुआ तो रिटायरमेंट के बाद भी अग्निवीर (Agniveer) देश की सेवा और सुरक्षा के लिए सामने आएंगे. ये कहना है देश के रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt ) का. इस योजना को लेकर एबीपी न्यूज की खास बातचीत में उन्होंने योजना को लेकर देशभर में हो रहे उग्र-प्रदर्शन के पीछे राजनीति को जिम्मेदारी ठहराया है. यहां हम इस बातचीत के खास हिस्सों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं.
अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में उग्र-प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं ?
अग्निपथ योजना को लेकर जो विरोध और उग्र-प्रदर्शन हो रहे हैं ये सभी राजनीति से प्रेरित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी जो भी योजनाएं लाने की कोशिश करते हैं या फिर देश में सुधारों की बात करते हैं, तो विपक्षी पार्टियां उसका विरोध करना शुरू कर देती हैं. कश्मीर में जब धारा 370 हटाई गई थी, उस वक्त भी विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि देश में खून की नदियां बहेंगी और गृह-युद्ध जैसे हालात बन जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. विपक्षी पार्टियां राजनीति करती हैं, जबकि हम राष्ट्रनीति करते हैं. हम अपने देश को दुनिया में उत्तम राष्ट्र बनाने में जुटे हैं. हमारे प्रधानमंत्री दिन-रात 18-20 घंटे काम करते हैं. ये सबकुछ वह अपने लिए या अपने परिवारवालों के लिए नहीं कर रहे हैं. ये सब वे देश के लोगों के लिए कर रहे हैं. अग्निपथ योजना में आज 8वीं पास युवक भी सेना में अग्निवीर (Agniveer) बन सकता है, रोजगार पा सकता है. हम बेरोजगारों को रोजगार और राष्ट्रवादी बना रहे हैं. इसीलिए विपक्ष की खिसियाहट साफ दिखाई दे रही है.
आप जिस राज्य, उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं वहां भी युवा अब अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. किसान संगठन भी इस विरोध में नौजवानों का समर्थन कर रहे हैं.
आपने देखा कि सेना ने अग्निवीरों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. जहां भी भर्ती कार्यालय हैं, वहां जाकर युवा भर्ती में शामिल हो सकते हैं. जिसे गाड़ी में आग लगानी है, वो आग लगाए और जो सेना में भर्ती होना चाहता है वो वहां जाएगा. टीवी और अखबार में जो तस्वीरें आ रही हैं उससे साफ है कि आग लगाने वाले 40 साल वाले हैं, किशोर नहीं है. साफ नजर आता है कि उनका उद्देश्य क्या है ? हमने कई देशों की रक्षा प्रणालियों की स्टडी की है और उसके बाद ये योजना लेकर आए हैं. विपक्ष ने तो सर्जिकल स्ट्राइक तक पर सवाल खड़े किए थे.
विपक्ष का आरोप है कि अग्निपथ योजना सरकार लाई है. लेकिन उसके बचाव के लिए सेना को आगे कर दिया है. ऐसा क्यों ?
अग्निपथ स्कीम अगर सरकार लाई है तो सरकार देश के लिए है और सेना भी तो देश की है. कोरोना (Corona) महामारी के समय हमारे देश के डॉक्टर्स ने आगे आकर देश को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला था.
जो घोषणाएं अब की जा रही हैं, क्या वो पहले नहीं की जा सकती थी, जैसा कि रिटायरमेंट के बाद नौकरियों में आरक्षण ?
ये सब कुछ पहले से था. तय था कि नौकरियों में आरक्षण होगा. इसीलिए मेरी नौजवानों से अपील है कि राजनैतिक पार्टियों के कहने पर भ्रमित ना हों.
जिस तरह अग्निवीर योजना को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है क्या मान सकते हैं कि आने वाले समय में उसमें कोई बदलाव किया जा सकता है ?
अब तो सवाल ही पैदा नहीं होता है कि योजना को वापस लिया जाए. क्योंकि अब तो भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. परीक्षा की तारीख भी आ गई है.
देश के नौजवानों से क्या अपील करेंगे ?
देश के युवाओं से अपील करता हूं कि वे अग्निपथ योजना का लाभ उठाए और देश की सेवा में जुट जाएं. साल 1971 के युद्ध में आरएसएस के स्वंयसेवकों ने गोला-बारूद ले जाने में मदद की थी, वे चौराहों पर खड़े होकर ट्रैफिक-व्यवस्था संभालते थे. इतिहास साक्षी है कि कई युद्धों में आरएसएस ने कमान संभाली है. उसी तरह हमारे अग्निवीर भी स्किल सोल्जर बनकर समाज में जाएंगे, जिनमें उत्तम अनुशासन होगा. चाहे फिर वो बैंक में जाएं, कोस्टगार्ड में जाएं या फिर किसी दूसरी नौकरी में.
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