नई दिल्ली: कोरोना से जंग लड़ने में सेना के तीनों अंग यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं. खुद प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ जंग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की प्रशंसा की है. पीएम ने ट्वीट कर कहा कि जल, थल और नभ में हमारे सशस्त्र-बलों ने कोविड के खिलाफ के जंग में मजबूती प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.


पीएम मोदी ने ये ट्वीट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस लेख पर किया है जिसमें राजनाथ सिंह ने पिछले 2-3 हफ्तों में कोरोना के खिलाफ जंग में सेना के तीनों अंग- थलेसना, वायुसेना, नौसेना और रक्षा संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लिखा है. इस लेख में रक्षा मंत्री ने सैन्य कमांडर्स को इमरजेंसी फाइनेंशियल पॉवर्स, डीआरडीओ के अस्पतालों और मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स, सेना के डॉक्टर्स, वायुसेना और नौसेना की ऑक्सीजन सप्लाई और डिफेंस पीएसयू के योगदान के बारे में विस्तार से लिखा है. रक्षा मंत्री ने अपने लेख को नाम दिया है 'अदृश्य दुश्मन से जंग: रक्षा मंत्रालय का कोविड-19 को जवाब'


आपको बता दें कि जहां गुरूवार को डीआरडीओ ने राजधानी दिल्ली के एम्स और आरएमएल हॉस्पिटल्स में मेडिकल ऑक्सीज प्लांट लगाने का काम पूरा कर लिया. वहीं थलसेना ने राज्य सरकारों से समन्वय के लिए सेना मुख्यालय में एक अलग सेल तैयार किया है. इसके अलावा थलेसना ने उत्तर-पूर्व के राज्यों से अपने दो फील्ड हॉस्पिटल्स एयरलिफ्ट कर पटना पहुंचा दिए हैं ताकि 500 बेड का एक कोविड सेंटर बनाया जाए.  


सेना ने किया एक कोविड मैनेजमेंट सेल तैयार
सेना ने बयान जारी कर बताया कि कोविड के खिलाफ साउथ ब्लॉक स्थित एक कोविड मैनेजमेंट सेल तैयार किया गया है. इसके प्रमुख एक डायरेक्टर जनरल रैंक के लेफ्टिनेंट जनरल हैं और वे वाइस चीफ (सह-सेना प्रमुख) को रिपोर्ट करेंगे. इस सेल का मुख्य कार्य कोविड से जुड़ी स्टाफिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट होगा. क्योंकि, राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए सेना के डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद, पटना, वाराणसी, भोपाल, पुणे, बाडमेर, सागर इत्यादि जगहों पर लगा है.


विदेशों से मदद ला रहे हैं नौसेना के युद्धपोत
इसके अलावा नौसेना के दो युद्धपोत-आईएनस कोलकता और ऐरावत कुवैतस सिंगापुर से 4000 ऑक्सीजन सिलेंडर, दो 40 टन के ऑक्सीजन भरे टैंक और आठ खाली टैंक लेकर भारत के लिए रवाना हो गए हैं. बुधवार को आईएनएस तलवार भी 54 टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर बहरीन से मंगलौर बंदरगाह लौट आया था.


नौसेना के मुताबिक, 26 सदस्यों की एक मेडिकल टीम विशाखापट्टनम से अहमदाबाद स्थित डीआरडीओ के धंवन्तरी हॉस्पिटल के लिए पहुंच गई है. इससे पहले 214 सदस्यों की एक नेवल मेडिकल टीम पहले से ही अहमदाबाद, दिल्ली और पटना में तैनात है. इस टीम में 58 डॉक्टर्स, 30 नर्सिंग ऑफिसर्स, 64 मेडिकल अस्सिटेंट और 62 बैटल फील्ड नर्सिंग अस्सिटेंट शामिल हैं.


कोरोना के खिलाफ जंग में जुटी है वायुसेना 
भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स भी सिंगापुर, बैंकाक, आस्ट्रेलिया और बेल्जियम से खाली क्रायोजैनिक ऑक्सीजन कंटनेर लाने में जुटे हुए हैं. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य में भी खाली ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट कराने में वायुसेना की ट्रांसपोर्ट फ्लीट जुटी हुई है. वायुसेना ने बेंगलुरू में एक 100 बेड का कोविड हॉस्पिटल स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए तैयार किया है.  


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