चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर CBI की छापेमारी, यहां जानें क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली: सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के कई ठिकानों पर कल छापे मारे. कार्ति पर आईएनएक्स मीडिया को फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत लेने का आरोप है. ये वही आईएनएक्स मीडिया है, जिसके मालिक पीटर मुखर्जी हत्या के मामले में जेल में बंद हैं. कांग्रेस ने कहा कि सरकार बदले की भावना से कार्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
मेरे खिलाफ CBI केस बदले की राजनीति का नतीजा: कार्ति चिदंबरम
कार्ति पर अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल का आरोप
ताज़ा जानकारी है कि इस मामले की आंच पी चिदंबरम तक भी पहुंच सकती है. कल सीबीआई ने दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और गुरूग्राम में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया. आईएनएक्स मीडिया को 300 करोड़ का फायदा पहुंचवाया और इसकी एवज़ में उन्होंने करोड़ों रूपए की रिश्वत ली.
पूर्व वित्तमंत्री के बेटे कार्ति के ठिकानों पर सीबीआई का छापा, चिदंबरम बोले- मैं डरने वाला नहीं
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम, पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र और धोखाधडी का मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और गुरूग्राम में 14 जगहों पर छापे मारे हैं और वहांकेस जुड़े कुछ दस्तावेजों को जब्त किया है.
बेटी की हत्या के आरोप में जेल में हैं पीटर और इंद्राणी
आईएनएक्स मीडिया के कर्ता धर्ता वहीं पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं जो अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में हैं. उस वक्त पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने तीन चैनल लॉन्च किए थे. इसमें इंग्लिश न्यूज़ चैनल न्यूज़ एक्स, म्यूज़कि चैनल 9 एक्सएम और इंटरटेनमेंट चैनल 9 एक्स थे.
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मॉरीशस की तीन कंपनियो से विदेशी निवेश लेने की मंज़ूरी मांगी. बोर्ड ने मंज़ूरी दे दी. इस आदेश पर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भी सहमति थी.
एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी को कुल चार करोड 62 लाख रुपये एफडीआई के तौर पर लेने की अनुमति दी. लेकिन आईएनएक्स मीडिया ने चार करोड़ की जगह तीन सौ पांच करोड़ रूपए की एफडीआई ले ली. कंपनी की ये चालबाजी आयकर विभाग ने पकड ली औऱ वित्त मंत्रालय से जवाब मांगा. एफआईआर कहती है कि इस मुसीबत से बचने के लिए कंपनी ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदबंरम से मदद मांगी. इसके लिए 10 लाख रूपए दिए गए, जिसके वाउचर हमारे पास हैं. इस सेवा के लिए वाउचर चेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने नहीं दिए बल्कि दूसरी कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटजिक प्राइवेट लिमिटेड ने दिए. एडवांटेज स्ट्रैटजिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कार्ति चिदंबरम के करीबियों की कंपनी है.
मेरे खिलाफ आरोप बेबुनियाद- कार्ति चिदंबरम
एफआईआर के मुताबिक, आरोप है कि कार्ति के प्रभाव में एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी के घोटाले को नजरअंदाज किया और वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने इस पूरे मामले मे आपराधिक षडयंत्र किया औऱ आयकर विभाग की जांच शाखा को भी गलत जानकारी देकर मामले की जांच रुकवा दी. छापेमारी पर कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं. मुझे राजनीतिक और व्यक्तिगत तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. वहीं बेटे के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई पर पी चिदंबरम मीडिया के सवालों पर कुछ नहीं बोले.
बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है- कांग्रेस
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है जबकि बीजेपी ने कहा है कि वो बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करती है. सीबीआई की जांच की ये आंच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तक भी पहुंच सकती है, क्योकि कंपनी को दिए जाने वाले दोनों आदेशों के समय चिदंबरम ही वित्त मंत्री थे और सीबीआई का कहना है कि कोई कार्ति को घूस क्यों देगा और वित्त मंत्रालय के अधिकारी कार्ति का आदेश क्यों मानेंगे.