All Weather Roads: कड़ाके की सर्दी और भारी बर्फबारी के कारण लद्दाख क्षेत्र का देश के बाकी हिस्सों के बीच सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं होगी. क्योंकि महत्वपूर्ण जोजिला टनल पर पहाड़ों के नीचे निर्माण कार्य चल रहा है. तापमान कम होने के बावजूद टनल की बोरिंग का काम पूर्वी पोर्टल से 5 किमी की दूरी तक हो चुका है. सुरंग के 2024 के अंत तक दोनों पक्षों को जोड़ देने की बात कही है. 


रविवार को सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने कहा कि उसने 14 महीने के रिकॉर्ड समय में ही 18 किलोमीटर की ऑल वेदर जोजिला टनल में 5 किमी तक सुरंग का निर्माण कर दिया है जो कि मील में पत्थर की तरह है. 


खराब मौसम के बावजूद चलता रहेगा निर्माण कार्य


राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड  (NHDICL) कारगिल के महाप्रबंधक कर्नल शिव कुमार ने बताया कि पूर्वी पोर्टल से मीनामार्ग साइड और बालटाल की तरफ से एक साथ खुदाई चल रही है. उन्होंने बताया कि बर्फबारी होने के बावजूद भी निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होगा और मौसम खराब होने के बावजूद भी सुरंग स्थल पर ही सेटअप स्थापित किया गया है जिससे काम करने में लोगों को आसानी होगी.


उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट में काम करने वाली टीम का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है क्योंकि वह देश के लिए सबसे कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं और सुरंग के नीचे काम करने से ठंड के कारण होने वाले दबाव की समस्या भी कम हो गई है.


परियोजना प्रभारी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हरपाल सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर वह पिछले साल पूरी तरह से संगठित और तैयार नहीं थे लेकिन इस साल वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार और संगठित हैं.   


देशी और जमर्न मशीनरी के जरिए हो रही है खुदाई


गौरतलब है कि सुरंग की ड्रिलिंग के लिए न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति का उपयोग करके जोजिला सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण कार्य में लगी हुई जर्मन मशीनरी काफी अच्छी स्थिति में अपना काम कर रही है. साइट पर मौजूद इंजीनियरों ने कहा कि बाहर खराब मौसम की वजह से हम मशीनों को सुरंग के अंदर ही पार्क करते हैं. जिससे सुरंग के बाहर कम तापमान होने के बावजूद हम सुचारू रूप से काम कर पाते हैं. 


सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों में किया जा रहा है काम


MEIL और NHDICL की यह परियोजना पूरी होने के बाद श्रीनगर और लद्दाख के बीच पूरे वर्ष बिना किसी रुकावट के कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी. गौरतलब है कि समुद्र तल से 11575 फीट की ऊंचाई पर बर्फबारी और बर्फानी तूफान जैसी प्रतिकूल मौसमी परिस्थिति के बावजूद जोजिला सुरंगों नीलग्रार 1, 2 और जोजिला मुख्य सुरंग पर कार्य को तेजी से किया जा रहा है. गौरतलब है कि इस वर्ष जम्मू-कश्मीर में अभी तक इतिहास की सबसे अधिक बर्फबारी हुई है. जिससे उस इलाके का तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है.


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