नई दिल्ली: मोदी का मिशन 2019 शुरू हो चुका है. अमित शाह अभी से ही रात दिन एक किये हुए हैं. चुनाव भले ही दो साल दूर हो लेकिन मुद्दे और रणनीति तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. 2014 की जीत के तुंरत बाद ही मोदी ने ये एलान कर दिया था कि उन्हें देश में बदलाव के लिए 10 साल का वक्त चाहिए. यानी 2014 में ही मोदी ने 2019 लोकसभा चुनाव का लक्ष्य भी तय कर लिया था.
जानें- 1000 दिन में पीएम मोदी को क्या मिला और बीजेपी ने क्या पाया?
मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. अगले लोकसभा चुनाव में दो साल बाकी हैं, लेकिन पीएम मोदी का मिशन 2019 शुरू हो चुका है. उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक जीत के बाद इसमें और तेजी आ गई है. यूपी चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी संसदीय दल की बैठक में मोदी ने इसका एलान कर दिया था.
न बैठूंगा और न चैन से बैठने दूंगा- मोदी
लोकसभा के 283 और राज्यसभा के 56 सांसदों से मोदी ने कहा, ‘’जीत की ख़ुशी ठीक है लेकिन अभी हमें और परिश्रम करना है. न मैं चैन से बैठूंगा और न चैन से बैठने दूंगा.’’ मोदी का ये संदेश पार्टी के नेताओं, मंत्रियों औऱ सांसदों के लिए इशारा था. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने और खुलकर ये एलान कर दिया कि अब वक्त आराम का नहीं बल्कि एक्शन का है.
वहीं अमित शाह का कहना है, ‘’जब हम सफलता प्राप्त किए हैं तो भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को विश्राम का अधिकार नहीं है. सरकार बनने के बाद अगर विश्राम का भाव खड़ा होता है तो मान लेना हम बीजेपी के कार्यकर्ता के नाते अभी परिपक्व नहीं हुए हैं. यानी मोदी और शाह की जोड़ी का लक्ष्य साफ है. 2019 के लिए पूरी पार्टी को अभी से जुटना होगा. इस मिशन के लिए मास्टर प्लान भी तैयार हो गया है. खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी शुरूआत कर दी है.
12 दिनों से देश के अलग अलग राज्यों का दौरा कर रहे हैं शाह
अमित शाह पिछले 12 दिनों से देश के अलग अलग राज्यों का दौरा कर रहे हैं. अब तक वो पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा जा चुके हैं. अमित शाह की इस यात्रा का मकसद इन राज्यों में संगठन को और मजबूत करना है. बीजेपी के विस्तार योजना के तहत ये कार्यक्रम बनाया गया है.
25 अप्रैल को पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ अमित शाह का मिशन 2019 - 25 सितंबर तक चलेगा. अगले पांच महीनों में अमित शाह करीब एक लाख किलोमीटर की यात्रा कर देश के हर राज्य का दौरा करेंगे. यानी हर महीने करीब 20 हजार किलोमीटर का सफर.
- अमित शाह के करीब 95 दिनों के इस कार्यक्रम के लिए देश भर के राज्यों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
- पहली श्रेणी में 19 बड़े राज्य हैं जहां अमित शाह 3 दिन तक रहेंगे.
- दूसरी श्रेणी में 7 राज्य हैं जहां वो दो दिन का दौरा करेंगे.
- और तीसरी श्रेणी में बाकी के 3 राज्य और सभी केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां वो एक दिन रहेंगे.
सांसदों को 2019 के मिशन में जुट जाने का आदेश
अमित शाह के दौरे और देशभर में बीजेपी के विस्तार की योजना का पूरा खाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तैयार किया गया था. यूपी चुनाव की जीत के तुरंत बाद मोदी ने लगातार कई दिनों तक अलग अलग राज्य के अपने सांसदों से मुलाकात की और उन्हें भी 2019 के मिशन में जुट जाने के लिए कहा.
- नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों औऱ सांसदों को लोगों के बीच ज्यादा वक्त गुजारने के लिए कहा
- केंद्रीय मंत्रियों को भी देश के अलग अलग शहरों में जाने के लिए कहा
- मंत्रियों और सांसदों को सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए कहा
- सरकार की योजनाओँ को लोगों तक पहुंचाने का निर्देश
ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचे- शाह
2019 के चुनाव में मोबाइल फोन की बड़ी भूमिका होगी. ये संदेश नरेंद्र मोदी ने अपने सांसदों औऱ मंत्रियों को दिया, उन्हें ये निर्देश दिया गया है कि वो सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं, फेसबुक औऱ ट्विटर के जरिए अपने क्षेत्र के काम की चर्चा करें और ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचे.
बीजेपी की लोकसभा की 120 सीटों के लिए खास योजना
2019 की जीत के लिए बीजेपी ने लोकसभा की 120 सीटों के लिए खास योजना बनाई है. केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों में करीब 200 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी ने 2019 में इनमें से कम से कम 120 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए इन सीटों पर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक जीत के साथ उत्तर भारत में बीजेपी की जड़े जम चुकी हैं. अब नजर दक्षिण भारत पर है. मिशन 2019 के तहत बीजेपी दक्षिण भारत के लिए भी बड़ी रणनीति बना रही है.
दक्षिण के इन 5 राज्यों पर है बीजेपी की नजर
दक्षिण के 5 राज्यों पर बीजेपी की नजर है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक. इन पांचों राज्यों में कुल 129 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी ने 2019 में इनमें से कम से कम 60 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए नेताओं को हर महीने कम से कम एक राजधानी और दो शहरों में जाने के लिए कहा गया है.
योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने के फैसले को भी बीजेपी के मिशन 2019 से जोड़कर देखा जा रहा है. 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत में यूपी की बड़ी भूमिका थी, प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 पर बीजेपी ने कब्जा किया था. बीजेपी किसी भी हाल में इस आंकड़े को कम नहीं करना चाहती और अब ये जिम्मेदारी पूरी तरह से योगी आदित्यनाथ के कंधों पर हैं.
खुद योगी भी इस बात का संकेत दे चुके हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘’यूपी में समस्याएं बहुत ज्यादा हैं और समय कम है, क्योंकि मुझे 2019 में रिजल्ट देना है.’’
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 15 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. शुरूआत इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल के चुनाव से है. बीजेपी का लक्ष्य इन राज्यों में जीत के जरिए 2019 की बड़ी जीत की जमीन तैयार करना है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी अभी से 2022 की बातें कर रहे हैं जब देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी जोश में है और अब ये पूरा जोश 2019 के लिए झोंकने की तैयारी शुरू हो चुकी है.