CAA Rules: CAA के तहत पहली बार मिली नागरिकता, जानें कानून बनने से सर्टिफिकेट मिलने तक की एक-एक बात
Indian Citizenship: 11 सितंबर 2019 को सीएए संसद से पास हुआ था. इसको लेकर देशभर में जमकर बवाल कटा था. आंदोलन और विरोध प्रदर्शन देखे गए.
CAA Rules Notified: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 14 लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने आज बुधवार (15 मई) को दी. सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पहली बार नागरिकता प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने दिल्ली में कुछ लोगों को प्रमाणपत्रों को सौंपा.
11 सितंबर 2019 को सीएए संसद से पास हुआ था. इसको लेकर देशभर में जमकर बवाल कटा था. आंदोलन और विरोध प्रदर्शन देखे गए. इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दी जाती है. गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है.
किस तरह से करना होगा आवेदन
आवेदकों को वह साल बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. कानून खुद कहता है कि सीएए के तहत लाभ तीन पड़ोसी देशों के गैर-दस्तावेज अल्पसंख्यकों को दिया जाएगा. ये असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में स्वायत्त आदिवासी बहुल इलाकों में सीएए लागू नहीं होगा. सीएए इनर-लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था वाले राज्यों पर भी लागू नहीं होता है मुख्य रूप से नॉर्थ-ईस्ट इंडिया में.
2022 से सरकार ने कितने राज्यों को दी नागरिता देने की अनुमति
2022 से सरकार ने 9 राज्यों के 31 जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की अनुमति दी है. जिन 9 राज्यों को ये परमिशन दी है उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं.
नागरिकता लेने के लिए क्या चाहिए?
ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल 1ए के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं. इसी तरह शेड्यू 1बी के तहत 20 तरह के डॉक्यूमेंट्स मांगे गए और शेड्यूल 1सी के तहत एक शपथ पत्र मांगा गया है. सबसे पहले तो ये बताना होगा कि नागरिकता लेने वाले लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं और गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं.
इसके लिए लोगों को वहां का पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे. इसके साथ ही आवेदक भारत सरकार की ओर से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली या पानी का बिल, शादी का प्रमाण पत्र दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.
अगर इनमें से कोई दस्तावेज नहीं है तो उसका कारण बताना होगा. अगर कोई दस्तावेज है तो जानकारी देनी होगी. अगर किसी राज्य में बसे हुए हैं या फिर बसना चाहते हैं तो वहा के नियमों के हिसाब से मूल निवासी का प्रमाण पत्र हासिल करना होगा.
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