नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है. दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. हालांकि कल देर रात आंदोलनकारियों से लाला किला खाली करवा लिया गया है. कर हुई हिंसा में करीब 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने माफी मांगी है और परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. फिलहाल प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. हिंसा के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है.
फटाफट जानें कल क्या-क्या हुआ?
- केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में ट्रैक्टर परेड की इजाज़त मांगी थी और उन्हें शांति के साथ परेड निकालने की इजाजत दी भी गई, लेकिन किसानों की ट्रैक्टर परेड शुरु होते ही किसान दिल्ली में घुसने लगे और हिंसा शुरू हो गई.
- ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में दाखिल हुए किसान तय रुट से अलग रास्तों पर बढ़ने लगे. जिसके बाद पुलिस ने रोड ब्लॉक लगाना शुरु कर दिया और ट्रैफिक को रिंग रोड से डायवर्ट किया गया, जिसके बाद हंगामा शुरु हो गया और नांगलोई जंग का मैदान बन गया. सिंघु बॉर्डर से निकला किसानों का काफिला इतना लंबा हो गया कि इससे जगह जगह जाम लगना भी शुरु हो गया. लेकिन परेशानी तब शुरु हुई जब काफिले ने तय रुट से दूसरे रास्ते पर जाना की कोशिश की.
- दिल्ली के नांगलोई में किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी थी और ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ने लगे. इसके बाद पुलिस के जवान सड़क पर ही बैठ गए. लेकिन प्रदर्शनकारी किसान नहीं माने और पुलिस को उन्हें तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी की.
- पहले आईटीओ पर हिंसा हुई और फिर किसानों का एक दल लाल किले पहुंचा और वहां हिंसा शुरू हुई. यहां प्रदर्शनकारी किसानों ने सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसी दौरान दीप सिद्धू नाम के एक शख्स ने लाल किले पर चढ़कर धर्म विशेष के झंडे लगा दिए. इसके बाद किसानों के प्रदर्शन को लेकर बवाल शुरू हो गया. पुलिस ने जैसे तैसे शख्स को नीचे उतारा और प्रदर्शनकारियों को समझाया. हालांकि लाला किले पर लहरा रहे तिरंगे से किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. लेकिन लाल किले पर हिंसा जरूर हुई.
- डेढ़ घंटे के बाद पुलिस बल ने लाल किला से किसानों को निकालना शुरू किया. इस दौरान इंडिया गेट जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए. लाल किले की घटना को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने 12 बजे तक रूट नहीं खोला, जिसके बाद किसानों ने रूट बदला. जो रूट दिया गया था, उसपर बैरिकेड लगा दिया गया. ये घटना एक साज़िश का हिस्सा है. हमें बदनाम करने की साज़िश है.
- गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर आपातकालीन बैठक हुई. करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के दौरान आईबी निदेशक और गृह सचिव समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में हालात की समीक्षा के बाद अनेक संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने के लिए कहा गया. अब दिल्ली में पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के बाद किसान नेताओं के नेतृत्व पर सवाल उठ रहा है.
हरियाणा में हाई अलर्ट घोषित
दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच हुए टकराव के बाद हरियाणा में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. हरियाणा के तीन जिलों झझ्झर, सोनीपत और पलवल में इंटरनेट सेवा को भी बुधवार शाम पांच बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग कर यह फैसले लिए.
हिंसा को लेकर सात FIR दर्ज
ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 7 FIR दर्ज की है. गाजीपुर, अक्षरधाम, आईटीओ, लालकिले, मुकरबा चौक समेत कई इलाकों में हिंसा और तोड़फोड़ मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है. दिल्ली की सड़कों पर तलवारें लहराने की तस्वीरें भी सामने आी हैं. अक्षरधाम के पास निहंग किसानों ने नंगी तलवारें लहराकर दहशत फैलाने की कोशिश की गई.
लाल किला मेट्रो स्टेशन का एंट्री गेट बंद
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन का एंट्री गेट बंद कर दिया गया है. यहां से यात्रियों को एग्जिट की अनुमति है, लेकिन एंट्री नहीं कर सकते. हालांकि बाकी सभी मेट्रो स्टेशन खुले हैं, सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य है. ये जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दी है.
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