नई दिल्ली: आज से ठीक पांच दिनों बाद 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी सरजमीं पर गरजेंगे. खास बात है कि मोदी के मंच पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे और सामने होगी 50 हजार प्रवासी भारतीयों की भीड़. इस कार्यक्रम को 'हाउडी मोदी' नाम दिया गया है. हाउडी का मतलब होता है 'हाउ डू यू डू', यानि आप कैसे हैं.


‘‘हाउडी, मोदी. साझा सपने, उज्ज्वल भविष्य’’ कार्यक्रम ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में होगा. इसकी मेजबानी कर रहे टेक्सास इंडिया फोरम के मुताबिक, 50 हजार से अधिक लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. अमेरिका में मोदी का इतना बड़ा कार्यक्रम पहली बार हो रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 में मैडिसन स्क्वायर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया था. उसके बाद उन्होंने सिलिकन वैली में 2016 इसी तरह के कार्यक्रम को संबोधित किया था. दोनों ही कार्यक्रमों में 20000 से अधिक लोग पहुंचे थे.


ट्रंप भी करेंगे संबोधित
हालिया इतिहास में यह पहली बार होगा जब दो सबसे बड़े लोकंतत्रों के शीर्ष नेता दुनिया में कहीं एक संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे. यही नहीं पहली बार होगा जब 50 हजार से अधिक भारतीय अमेरिकी की भीड़ को ट्रंप संबोधित करेंगे.


कार्यक्रम का चुनानी कनेक्शन
यह कार्यक्रम 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले हो रहा है. चुनाव में भारतीय अमेरिकियों की बड़ी भूमिका रहती है. राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं.


संबंधों को मिलेगी मजबूती
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने कहा कि यह (मोदी-ट्रंप की साझा रैली होगी) अमेरिका और भारत के लोगों के बीच दृढ़ संबंधों को मजबूत करने का बेहतरीन मौका है. उन्होंने कहा, ''दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी की पुन: पुष्टि करने और उनकी ऊर्जा और व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का बेहतरीन मौका होगा.’’


'ट्रंप का है इंतजार'


इस घोषणा के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलसिलेवार किये ट्वीटों में कहा कि भारतीय मूल के समुदाय के साथ मिलकर कार्यक्रम में ट्रंप का स्वागत करने का वह इंतजार कर रहे हैं. मोदी ने लिखा, ‘‘ राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दिखाया गया विशेष भाव भारत और अमेरिका के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है...दिखाता है कि यह संबंध कितना मजबूत है और अर्थव्यवस्था तथा यह अमेरिकी समाज में भारतीय समुदाय के योगदान को बताता है.’’


अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ट्रंप का ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में हिस्सा लेना ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ है. व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप के साथ हुई मुलाकात में इसका अनुरोध किया था.


डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'भारत-पाक में तनाव काफी कम हुआ, मोदी-इमरान से जल्द करूंगा मुलाकात'


डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अच्छी दोस्ती के बावजूद भारत और अमेरिका में कश्मीर और व्यापार जैसे मामलों पर विवाद उठे लेकिन कूटनीतिक चैनल से इसे तुरंत सुलझा भी लिए गए. ट्रंप अमेरिकी प्रोडक्ट पर अधिक कर वसूलने की बात कहते रहे हैं. यही नहीं अमेरिका ने भारत से GSP का भी दर्जा छीन लिया.


डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की बात कहकर भी संबंधों में थोड़ी खटास जरूर ला दी. हालांकि पिछले दिनों ट्रंप की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ-साफ कह दिया कि भारत के आंतरिक मसलों में कोई देश हस्तक्षेप करने का कष्ट नहीं करे.


तीसरी मुलाकात
मोदी और ट्रंप के बीच इस साल यह तीसरी मुलाकात होगी. जी-7 से पहले दोनों नेताओं ने जून में जापान में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी. अक्टूबर, 2016 में राष्ट्रपति पद के तत्कालीन रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने न्यूजर्सी में करीब 5000 भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया था. कुछ हफ्ते बाद नवंबर, 2016 में उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.


अबतक ट्रंप एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति उम्मीदवार रहे जिन्होंने चुनावी साल में पूरी तरह से भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यदि वह निर्वाचित हुए तो व्हाइट हाउस में भारत के सबसे अच्छे दोस्त होंगे.