श्रीहरिकोटा: इसरो ने आज सुबह अपने PSLV C-40/कार्टोसैट-2 मिशन का प्रक्षेपण कर दिया है. यह इसरो का 100वां उपग्रह है जिसने आसमान छुआ है. PSLV C-40 ने 31 उपग्रह को लेकर उड़ान भरी है. जिसमें तीन भारत के और 28 उपग्रह 6 अलग-अलग देशों के हैं. जानें क्या है इसकी अहमियत?
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेरेगा
ISRO का PSLV C-40 से पाकिस्तान के आतंकी कैंपों और बंकरों पर नजर रखी जा सकेगी. कार्टोसेट 2F उपग्रह से हिंदुस्तानी एजेंसियां, पाकिस्तान में बने आतंकी कैंप्स और बंकर्स की पहचान कर सकती है. साथ ही ये चीन के हर सैन्य हरकत की निगरानी करेगा. चीन से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी ड्रैगन की हर हरकत पर पैनी नजर रखने से इसमें आसानी मिलेगी.
बता दें कि पाकिस्तान पर जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, उस समय सेना को एलओसी पर आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह करने में इस सीरीज के सैटेलाइट से काफी मदद मिली थी.
अंतरिक्ष में भारत की ‘जासूसी आंख’
PSLV C-40 की लॉन्चिंग इसलिए भी सबसे खास है, क्योंकि भारत में बना कार्टोसेट सीरिज़ का ये आधुनिक उपग्रह है जिसे अंतरिक्ष में भारत की जासूसी आंख कहा जाता है. कार्टोसेट सीरीज़ का ये सांतवा उपग्रह देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए बेहद खास है.
मौसम की जानकारी से लेकर परियोजनाओं पर रहेगी नजर
कार्टोसेट 2F उपग्रह से मौसम की जानकारी भी आसानी से मुहैया होगी. साथ ही विकास परियोजनाओं की निगरानी भी पहले से बेहतर होगी. काटरेसैट-2 एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो उच्च-गुणवत्ता वाला चित्र प्रदान करने में सक्षम है, जिसका इस्तेमाल शहरी व ग्रामीण नियोजन, तटीय भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए किया जा सकेगा.
याद रहे कि 15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर ISRO ने ऐसा इतिहास लिखा था, जिसे अब तक कोई दोहरा नहीं सका है.
अंतरिक्ष में भारत की ‘जासूसी आंख’ है ISRO का PSLV C-40, जानें क्या है अहमियत?
एबीपी न्यूज़
Updated at:
12 Jan 2018 10:03 AM (IST)
15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर ISRO ने ऐसा इतिहास लिखा था, जिसे अब तक कोई दोहरा नहीं सका है.
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