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कुलभूषण जाधव को सजा-ए-मौत: जानें इस मामले से जुड़ी अबतक की 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तान ने कुलभूषण को रॉ का एजेंट बताते हुए जासूसी का आरोप लगाया था, लेकिन भारत की सरकार ने पाकिस्तान के आरोपों का लगातार खंडन किया है. लेकिन अब झूठा आरोप लगाकर पाकिस्तान ने कुलभूषण को मौत की सजा सुना दी है.
- भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर, कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना ने कोर्ट मार्शल की कारवाई में मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी करने, तोड़फोड़ की कारवाई और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण को भारतीय खुफिया एजेंसी, रॉ का एजेंट करार दिया है.
- पाकिस्तान की तरफ से सज़ा सुनाए जाने पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. भारत ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो ये सुनियोजित हत्या होगी. विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और कड़े शब्दों वाला पत्र जारी किया. एमनेस्टी इंटरनेशन ने भी पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं आज ये मामला कांग्रेस संसद में भी उठाएगी.
- पाकिस्तान ने नेपाल के लुंबनी से गायब हुए पाकिस्तानी एजेंट के गायब होने के बाद ये कदम उठाया है. दरअसल 6 अप्रैल को नेपाल के लुंबनी से पाकिस्तानी सेना का एक पूर्व अधिकारी गायब हो गया था. पाकिस्तान का दावा है कि पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर लुंबनी में एक नौकरी के इंटरव्यू को लिए पहुंचा था पर इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं लगा.
- हसीब के घरवालों और पाकिस्तान की मीडिया ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर गायब करने का शक जताया. इसी के बाद भारत पर दवाब बनाने के लिए कुलभूषण को जासूस करार देकर मिलट्री कोर्ट से मौत की सजा सुना दी गई.
- पाकिस्तान के इस फैसले के बाद भारत ने फैसला किया कि वह उन एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा नहीं करेगा, जिन्हें बुधवार को उनके वतन भेजा जाना था. आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि सरकार का मानना है कि पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का यह सही समय नहीं है.
- हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार, सरताज अजीज ने तो पाकिस्तानी एसेंबली में बयान दिया था कि कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है कि वो रॉ का एजेंट है या फिर पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी कर रहा था. ऐसे में आनन-फानन में पाकिस्तानी सेना द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कारवाई कई सवाल खड़े करती है.
- पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, आरोपी कुलभूषण जाधव को कानूनी प्रक्रिया के तहत बचाव का पूरा मौका दिया गया था. गिरफ्तारी के वक्त भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई ने कुलभूषण का एक वीडियो जारी किया था जिसमें वो अपने गुनाह कबूल कर रहा था. इसके अलावा कुलभूषण का एक पासपोर्ट भी पेश किया गया था जिसमें उसका नाम मुबारक हुसैन पटेल लिखा हुआ था.
- पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, कुलभूषण जाधव ने मजिस्ट्रेट और सिविल कोर्ट में अपना गुनाह कबूल किया है कि उसे रॉ ने जासूसी करने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध-छेड़ने और कमजोर करने के इरादे से भेजा गया था. आईएसपीआर के मुताबिक, इन गतिविधियों के जरिए कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के कानून व्यवस्था में लगी एजेंसियों द्वारा बलूचिस्तान और कराची में शांति बहाली के कार्यों में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रहा था.
- कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की मिलेट्री कोर्ट ने पाकिस्तानी आर्मी एक्ट 1952 और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा-3 के तहत सजा सुनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक, हालांकि पाकिस्तानी आर्मी एक्ट पाकिस्तानी फौज के जवानों और अधिकारियों पर लागू होता है. लेकिन पाकिस्तानी आर्मी एक्ट में ये भी प्रवधान है कि अगर कोई भी शख्स (चाहे वो पाकिस्तानी सेना में हो या ना हो) अगर वो पाकिस्तानी सेना के किसी सैन्यकर्मी को प्रलोभन देकर पाकिस्तान के खिलाफ भड़काता है तो उसपर कोर्ट-मार्शल के जरिए ही कारवाई की जायेगी.
- कुलभूषण अपनी कार्गो कंपनी चलाता था और उसी सिलसिले में ईरान व्यापार के लिए गया था जहां से अगवा कर लिया गया. बलूचिस्तान से गिरफ्तारी दिखाए जाने के बाद से भारत कुलभूषण से मिलने की इजाजत मांग रहा है लेकिन इजाजत देने की बजाए एकतरफा सजा सुना दी गई.
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