नई दिल्ली: अपने एक बड़े और अहम फैसले को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर विवादों से घिर गई हैं. नया मामला  'फेक न्यूज़' देने पर पत्रकारों की मान्यता तक रद्द किये जाने को लेकर है. हालांकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मृति ईरानी के इस फैसले को पलट दिया है.

पीएम मोदी ने बदला ईरानी का फैसला

दरअसल सोमवार को स्मृति ईरानी की केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज़ को लेकर गाइडलाइन जारी किये थे. जिसमें फेक न्यूज़ साबित होने पर पत्रकारों की मान्यता हमेशा के लिए रद्द करने तक का प्रावधान था. लेकिन आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने उनका फैसला पलटते हुए कहा है कि इसे पूरी तरह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के ऊपर छोड़ देना चाहिए. पीएमओ के इस फैसले से स्मृति ईरानी पर अब एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं.

यहां पढ़ें, क्या है ‘फेक न्यूज’का पूरा मामला और लोगों ने क्या दी प्रतिक्रियाएं?

ये पहला मौका नहीं है जब स्मृति ईरानी अपने किसी फैसले या बयान को लेकर विवादों में घिरीं हों. वह पहले भी कई बार आलोचनाओं का सामना कर चुकी हैं. मंत्री बनने के बाद से लगातार उनका किसी न किसी विवाद में नाम आता रहता है. जानें उनसे जुड़े कुछ विवाद.

डीयू ग्रेजुएट कोर्स विवाद

स्मृति ईरानी के शिक्षा मंत्री बनने के बाद यूजीसी के निर्देश पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को चार साल का डिग्री कोस वापस लेना पड़ा था.

आईआईटी कैंटीन विवाद

IIT में शाकाहारी छात्रों के लिए अलग कैंटीन की सिफारिश पर भी शिक्षा मंत्रालय की किरकिरी हो चुकी है.

संस्‍कृत भाषा विवाद

एचआरडी मंत्रालय की तरफ से संचालित सेंट्रल स्‍कूलों में जर्मन की जगह संस्‍कृत भाषा लाने के उनके फैसले पर भी काफी बवाल मचा था.

डिग्री फर्जीवाड़ा विवाद

शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी पर दो अलग चुनावी शपथपत्र में अपनी शिक्षा के बारे में अलग-अलग जानकारी देने का आरोप है.

पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी विवाद

पॉन्डीचेरी यूनिवर्सिटी में इस्लामीकरण के आरोप की जांच के आदेश शिक्षा मंत्रालय ने दिए थे. जांच में आरोप बेबुनियाद निकले थे.

रोहित वेमुला की खुदकुशी विवाद

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर भी स्मृति के मंत्रालय की किरकिरी हो चुकी है. यूनिवर्सिटी के कुछ दलित छात्रों के खिलाफ बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के एक छात्र नेता की पिटाई का आरोप लगा था. जो

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर विरोध जताकर मंत्रालय विवादों में आ चुका है.

महिषासुर-दुर्गा विवाद

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में महिषासुर दिवस मनाए जाने और दुर्गा को लेकर इरानी ने संसद में एक पर्चा पढ़ा था, जिस पर विवाद हो गया था. तब स्मृति ने कथित तौर पर कहा था कि दलित और पिछड़े वर्ग के छात्र मां दुर्गा का अश्लील चित्रण करते हैं. इस पर कई दिनों तक देश में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था.

कौन हैं स्मृति ईरानी?

टीवी के परदे की बहू तुलसी वीरानी ने स्मृति ईरानी को एक नई पहचान दी. करीब आठ साल तक घर–घऱ में आदर्श बहू के रुप में लोगों के दिलों पर राज करने वाली स्मृति ईरानी ने साल 2003 में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. राजनीति से स्मृति ईरानी का रिश्ता काफी पुराना रहा है उनके पिता राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्वंय सेवक थे.

स्मृति ईरानी साल दर साल बीजेपी में तरक्की करती चलीं गईं थीं जब 2011 में स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्यसभा सांसद चुना गया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी के हाथों चुनाव हारने के बावजूद उन्हें बीजेपी सरकार में मानव संसधान विकास मंत्री बनाया गया और मंत्री बनने के बाद वो विवादों में भी घिरती रही हैं.