प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के लिए महत्वाकांक्षी नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवा की शुरुआत की है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वन नेशन, वन कार्ड का हिस्सा है. एनसीएमसी के जरिए सभी जगह पेमेंट कर एंट्री हो सकती है.
एनसीएमसी का यह आइडिया रिजर्व बैंक की तरफ से बनाई गई नंदन नीलेकणि कमेटी ने दिया था. यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईएआई) के पूर्व अध्यक्ष नीलेकणि की नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने नागरिकों को सभी भुगतान सरकार की तरफ से डिजिटल माध्यम से करने, देश में कैश के लेन-देन को कम करने समेत कई सुझावों को प्रस्ताव दिए थे.
आइये जानते हैं NCMC के बारे में:
1-एनसीएमसी रुपए डेबिट कार्ड धारक यात्रियों को स्वाइप कर मेट्रो में यात्रा की इजाजत देगा, बशर्ते कि वह कार्ड पिछले 18 महीनों में एसबीआई, यूको बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक जैसे बैंकों से जारी किए गए हैं. डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा- यह सुविधा पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर 2022 तक शुरू हो जाएगी.
2-एनसीएमसी एक ऑटोमेटिक किराया कलेक्शन सिस्टम है. इससे स्मार्टफोन्स एक इंटर-ऑपरेबल ट्रांसपोर्ट कार्ड में परिवर्तित हो जाएगा जिससे यात्रा मेट्रो, बस और उप-नगरीय रेलवे सेवाओं के लिए भुगतान कर सकते हैं.
3-एनसीएमसी सेवा 400 किलोमीटर स्ट्रेच दिल्ली मेट्रो को कवर करेगा.
4-इससे स्मार्टफोन की मदद से मेट्रो स्टेशनों के अंदर जाने और बाहर निकलने में मदद मिलेगी, जिसे ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) सिस्टम से जाना जाता है. आगामी दिल्ली मेट्रो फेज-4 प्रोजेक्ट में, एएफसी सिस्टम पूरी तरह से एनसीएमसी के स्वीकार करेगा. जिसे देश के किसी भी शहर में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
5-नीलेकणि कमेटी ने यह सुझाव दिया था कि एनसीएमसी में दो तरह के इंस्ट्रूमेंट हों- एक रेगुलर डेबिट कार्ड, जिसका एटीएम में इस्तेमाल किया जाता है और दूसरी लॉकल वॉलेट, जिससे कंटैक्टलेस भुगतान किया जा सके.
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