नई दिल्ली: सीबीआई ने एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ केस दर्ज करके दिल्ली से लेकर देहरादून-मसूरी तक छापेमारी की है. सीबीआई ने छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा भी किया है. अब विरोधी पार्टियां सीबीआई पर हमला बोल रही हैं. एनडीटीवी ने कहा है कि उसने बैंक का कर्ज चुका दिया है.

कल सीबीआई ने दिल्ली से लेकर देहरादून तक छापेमारी की है. सीबीआई के अधिकारी सुबह साढ़े सात बजे प्रणय राय के ठिकानों पर पहुंचे और छापेमारी की कार्रवाई देर शाम तक चलती रही.

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इस मामले के तूल पकड़ने के बाद एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी गहरी चिंता जताई है और कहा है-

‘’एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सीबीआई द्वारा एनडीटीवी के दफ्तरों और उसके प्रमोटर्स पर की गई छापेमारी पर गहरी चिंता जताता है. पुलिस और अन्य एजेंसियों की मीडिया ऑफिस में एंट्री बहुत ही गंभीर मामला है. एनडीटीवी  ने विभिन्न बयानों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है. एनडीटीवी ने छापेमारी को न्यूज चैनल का सुनियोजित उत्पीड़न करने और लोकतंत्र और स्वतंत्र आवाज को कुचलने और मीडिया की आवाज़ दबाने का प्रयास करार दिया है. यद्यपि एडिटर्स गिल्ड का मानना है कि कोई भी व्यक्ति या संस्थान कानून से ऊपर नहीं है, लेकिन मीडिया का मुंह बंद करने के प्रयास की भी निंदा करता है और सीबीआई से नियत कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता है कि न्यूज ऑपरेशंस के स्वतंत्र संचालन में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न हो.’’



बीआईए ने भी जताई चिंता

‘’बीईए ने एनडीटीवी के दफ्तर और उनके मालिकों के घर पर पड़े सीबीआई छापों पर चिंता जताई है. बीईए घटना क्रम पर नजर रखे हुए है ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि अभिव्यक्ति की आजादी सुरक्षित रहे.’’

इन आरोपों के बाद एनडीटीवी ने सफाई दी है. ‘’ये आरोप उस एक लोन से जुड़ा लगता है जिसे प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने सात साल साल पहले ही चुका दिया था. ऐसे समय जब कई उद्योगपितयों ने लाखों, करोड़ों रुपये का बकाया नहीं चुकाया है और उनमें से किसी के भी ख़िलाफ़ सीबीआई ने कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं किया तब सीबीआई ने न सिर्फ़ एक एफ़आईआर दर्ज की है, बल्कि ऐसे लोन के लिए तलाशी ली है जिसे ICICI बैंक को विधिवत पूरी तरह चुकाया जा चुका है. ऊपर से आईसीआईसीआई भी एक प्राइवेट बैंक है.’’

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एनडीटीवी पर छापे के विरोध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘’हम डॉक्टर राय और एनडीटीवी ग्रुप पर छापेमारी की कड़ी निंदा करते हैं. यह स्वतंत्र और सत्ता-विरोधी आवाजों को बंद कर देने का प्रयास है.’’



सीबीआई का आरोप

सीबीआई के मुताबिक, प्रणय राय और उऩकी कंपनी ने एक बड़ी प्राइवेट कंपनी से 500 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इस लोन को चुकाने के लिए उनकी कंपनी ने आईसीआईसी बैंक से 375 करोड का लोन 19 प्रतिशत ब्याज की दर से लोन लिया. आरोप है कि लोन चुकाने के लिए प्रणय राय की कंपनी ने प्रमोटरो की सारी शेयर होल्डिंग्स को शेयरधारकों को बताए बिना गिरवी रख दिया था.

आरोप है कि शेयर गिरवी रखे जाने की जानकारी ना तो सेबी को दी गई ना स्टॉक एक्सचेंज को और ना ही सूचना प्रसारण मंत्रालय को. आरोप है कि इन लोगो ने 61 प्रतिशत शेयर गिरवी रख दिए जो बैकिंग एक्ट 19 का भी उल्लघंन है.



आरोप है इसके अलावा आईसीआईसी बैंक का लोन भी प्रणय रॉय और उनकी कंपनी नहीं चुका रहे थे, जिसके बाद बैंक ने उनसे एक मुश्त लोन चुकाने का फैसला किया और बैंक ने अपनी ब्याज दर 19 प्रतिशत से घटा कर 9 प्रतिशत कर दी, जिससे बैंक को 48 करोड़ का नुकसान हुआ. इस मामले में बैंक के भी कुछ अधिकारियों की प्रणय राय को फायदा पहुंचाने के आरोप की भी जांच की जा रही है.