अविश्वास प्रस्ताव: जानें क्या है, जिसका इंदिरा ने 15 बार किया था सामना, मोरारजी की गिर गई थी सरकार
विभिन्न सरकारों के खिलाफ अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है. पहली बार पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ अगस्त 1963 में आचार्य कृपलाणी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. सबसे अधिक 15 बार इंदिरा गांधी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.
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नई दिल्ली: 2014 लोकसभा चुनाव में विपक्ष को करीब-करीब साफ कर देने वाली मोदी सरकार पर विपक्षी दलों ने अविश्वास जताया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के नेतृत्व में विपक्ष ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. सरकार के कामकाज से असंतुष्ट विपक्ष को उम्मीद है कि कल जब लोकसभा में सांसद जुटेंगे तो राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे. यानि वह अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग के जरिए मोदी सरकार को मात देगी, वहीं पूर्ण बहुमत वाली एनडीए सरकार बेफिक्र है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि विपक्ष दिन में सपने देखना छोड़ दे, जनता ही नहीं संसद का भी उसके प्रति विश्वास कायम है.
आखिर अविश्वास प्रस्ताव क्या है? हमारी संसदीय प्रणाली में ऐसी व्यवस्था की गई है कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार को बीच में भी हटाया जा सकता है, अगर सदन का विश्वास उसपर से उठ जाए. किसी एक या उससे अधिक सदस्य को लगता है कि सरकार का कामकाज ठीक नहीं है और उसके पास मौजूदा दौर में बहुमत नहीं है तो इससे संबंधित एक प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष के सामने वह पेश करेगा. अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में इसलिए पेश किया जाता है क्योंकि इसमें जनता के द्वारा उनके प्रतिनिधि सीधे चुन कर आते हैं.
संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं है, हालांकि, संविधान का अनुच्छेद 118 कहता है कि सदन की प्रक्रिया चलाने के लिए संसद नियम बना सकता है. सदन के नियम 198 के तहत कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है. नोटिस देने के बाद लोकसभा अध्यक्ष इसपर अंतिम फैसला लेते हैं कि इसे स्वीकार करना है या नहीं.
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अविश्वास प्रस्ताव की शर्तें? नोटिस स्वीकार करने के लिए शर्त हैं. जब लोकसभा अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं उस वक्त प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 50 सदस्य सदन में होने चाहिए. अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष इसपर चर्चा और वोटिंग के लिए समय तय करते हैं. वोटिंग के समय अगर सत्ता पक्ष बहुमत साबित करने में कामयाब रहती है को सरकार बनी रहेगी, अगर नाकामयाब रहती है तो इस्तीफा देना होता है.
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कब-कब लाया गया अविश्वास प्रस्ताव? आपको बता दें विभिन्न सरकारों के खिलाफ अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है. पहली बार पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ अगस्त 1963 में आचार्य कृपलानी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, सबसे अधिक 15 बार इंदिरा गांधी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव की सरकार ने तीन बार, मोरारजी देसाई ने दो बार, जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने एक-एक बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के बाद केवल एक बार सरकार गिरी है. 1978 में मोरारजी देसाई ने बहुमत से दूर होता देख प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
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