नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महात्मा गांधी की कर्मभूमि मोतिहारी पहुंचे जहां उन्होंने सत्याग्रह शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह' कार्यक्रम को संबोधित किया. मोदी ने बिहार सरकार के साथ केंद्र की भी पीठ थपथपाई. लेकिन इस दौरान उन्होंने एक ऐसे शख्स परमेश्वरन अय्यर की तारीफ में कसीदे पढ़े जो अब तक परदे के पीछे रह कर 'स्वच्छ भारत मिशन' को आगे बढ़ाते रहे हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''भारत सरकार में आज एक सचिव हैं परमेश्वरन अय्यर वो इन दिनों स्वच्छता अभियान को देख रहे हैं. वह मंच से नीचे कहीं होंगे (हंसते हुए). वो आईएएस की नौकरी छोड़कर अमेरिका चले गए. सुख चैन की जिंदगी गुजार रहे थे. हमारी सरकार बनने के बाद हमने स्वच्छता का आह्वान किया और वह अमेरिका से नौकरी छोड़कर भारत लौट आए. हमें खुशी मिली.''


पीएम मोदी ने वहां मौजूद कैमरा मैन से अधिकारी पर फोकस करने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि अय्यर जब वापस आए तो हमने उन्हें सरकार में लिया. इस दौरान अधिकारियों के बीच बैठे परमेश्वरन खड़े हुए वहां मौजूद भीड़ ने तालियों से उनका शुक्रिया अदा किया.


पीएम मोदी ने कहा, ''परमेश्वरन अय्यर खुद जगह-जगह पर जाकर शौचालय की सफाई करते हैं और आज परमेश्वर जी जैसे अधिकारियों की वजह से ही यह विश्वास है कि हम बापू (महात्मा गांधी) के सपनों को पूरा करेंगे.''



स्वच्छता अभियान के हीरो परमेश्वर अय्यर को आप भी जानें


परमेश्वरन अय्यर पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में सचिव हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'स्वच्छता अभियान' के ऐलान के बाद इन्हें शौच मुक्त भारत बनाने की जिम्मेदारी दी गई. स्वच्छता के मसले पर अय्यर वर्ल्ड बैंक के साथ भी काफी दिनों तक काम कर चुके हैं.


इन्हें इस क्षेत्र में महारत हासिल है. शायद यही वजह रही की पीएम मोदी ने वर्तमान किसी आईएएस अधिकारी के बजाय किसी पूर्व नौकरशाह को स्वच्छता अभियान की जिम्मेदारी सौंपी.


तमिलनाडु से आने वाले अय्यर यूपी काडर के 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने सात सालों तक काम करने के बाद वोलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया था. अय्यर ने अप्रैल 1998 से फरवरी 2006 तक संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ ग्रामीण जल स्वच्छता विशेषज्ञ के रूप में काम किया था.



अय्यर साफ-सफाई करने वाले वर्कर को घृणा से देखने वालों के लिए भी एक नजीर बन सकते हैं. उनकी खासियत है कि वह गंदगी साफ करने के लिए खुद तैयार रहते हैं. यहां तक की किसी गड्ढे में भी उतरने से नहीं कतराते हैं.