महाबलिपुरम: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर महाबलीपुरम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात होने वाली है.  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब दोपहर ढाई बजे चेन्नई पहुंचेंगे. चीन के वुहान के बाद महाबलिपुरम में मोदी और जिनपिंग के बीच ये दूसरी अनौपचारिक मुलाकात है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगवानी के लिए पीएम मोदी पहले ही महाबलीपुरम पहुंच जाएंगे. पीएम मोदी चेन्नई से हेलीकॉप्टर के रास्ते महाबलीपुरम पहुंचेंगे और वहां फिशरमैन कोव होटल में रुकेंगे. शी जिनपिंग पहले चेन्नई उतरेंगे फिर वहां से सड़क के रास्ते महाबलीपुरम जाएंगे. जिनपिंग के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. जानें इस महामुलाकात की 10 बड़ी बातें.


1-स्वागत-सम्मान


शी जिनपिंग दोपहर 2.10 बजे चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे. एयरपोर्ट पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पनीरसेल्वम उनका स्वागत करेंगे. एयरपोर्ट पर 350 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकार जिनपिंग के स्वागत में प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं 40 पारंपरिक भरतनाट्यम कलाकार स्वागत मुद्राओं में नृत्य भी करेंगे. इसके बाद चीनी राष्ट्रपति कार में सवार होकर हवाई अड्डे से होटल और फिर वहां से महाबलीपुरम के सफर पर निकलेंगे.


2- होंगशी का इस्तेमाल करेंगे जिनपिंग


राष्ट्रपति जिनपिंग के काफिले में चीन से आई उनकी होंगशी कारें मौजूद होंगी. हालांकि काफिले में सुरक्षा वाहन समेत अन्य कारें भारतीय होंगी. लेकिन चीनी राष्ट्रपति अपनी विशेष मेड इन चाइन कार होंगशी L5 में ही सवार होंगे. जिसे चीनी लिमोजीन भी कहा जाता है. जिनपिंग हर विदेशी दौरे पर इसी होंगशी कार का इस्तेमाल करते हैं. होंगशी का चीनी भाषा में अर्थ होता है 'लाल ध्वज'. चीन की इस सबसे पुरानी ब्रांड कार का इस्तेमाल चीन के बड़े कम्यूनिस्ट नेता की पहली पसंद रही है.


3-महाबलिपुरम में जिनपिंग


शी जिनपिंग शाम 4 बजे महाबलीपुरम पहुंचेंगे.शाम 5 बजे 3 स्मारकों अर्जुन तपस्या, पांच रथ और शोर मंदिर जाएंगे. शाम 6 बजे शोर मंदिर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे और 6.45 बजे पीएम मोदी के डिनर में शामिल होंगे. डिनर में चीनी राष्ट्रपति को दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखाया जाएगा. दावत की मेज पर स्वाद के साथ साथ बातचीत का सिलसिला भी चलता रहेगा. डिनर के बाद रात करीब 9 बजे चीनी राष्ट्रपति चेन्नई के अपने होटल के लिए रवाना हो जाएंगे.


4- सुरक्षा चाक चौबंद


पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात से पहले जल,थल और नभ तीनों से सुरक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किए गए हैं. जिनपिंग करीब 50 किमी तक सड़क के रास्ते यात्रा करेंगे. 50 किलोमीटर के इस इलाके में जहां से भी शी जिनपिंग का काफिला गुजरेगा. वहां ट्रैफिक बंद रहेगा. यहां तक कि महाबलीपुरम के रास्ते चेन्नई आने वाले वाहनों को भी डायवर्ट किया जाएगा. सड़क पर कुल 34 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं. 5- चीनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान.


5-10 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती


मोदी और जिनपिंग की सुरक्षा में 43 अधिकारियों समेत करीब 10 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें से 4 हजार पुलिसकर्मी केवल महाबलीपुरम में तैनात होंगे. चप्पे-चप्पे पर चौकस सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है. महाबलीपुरम में करीब 500 सीसीटीवी लगाए गए हैंय इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के किनारे जहां पीएम मोदी के साथ अहम बैठक होनी है. वहां भी समंदर किनारे कोस्टगार्ड की चौकस निगरानी रहेगी. कोस्टगार्ड की गश्ती जहाज के साथ साथ नौसेना के पोत भी निगरानी के लिए समंदर की लहरों पर तैनात हैं. ये जहाज समुद्री तट से 24 नॉटिकल मील की दूरी पर मौजूद रहेंगे, ताकि कोई भी संदिग्द जहाज इलाके में घुस ना सके.


6-  महाबलीपुरम में क्या-क्या देखेंगे जिनपिंग


महाबलीपुरम के स्मारकों की झांकियों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है. सबसे पहले पीएम मोदी शी जिनपिंग को अर्जुन तपस्या स्मारक लेकर जाएंगे. कहा जाता है कि शिव का हथियार प्राप्त करने के लिए अर्जुन ने 12 साल एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी. अर्जुन की इसी तपस्या को यहां दिखाया गया है. अर्जुन तपस्या स्मारक के बाद पीएम मोदी का अगला पड़ाव पंच रथ मंदिर होगा. पंचरथ मंदिर के बाद शी जिनपिंग महाबलीपुरम के सबसे मशहूर शोर मंदिर पहुंचेंगे.


7- सांस्कृतिक झलक देखेंगे जिनपिंग


चेन्नई से महाबलीपुरम के 50 किलोमीटर के सफर में 35 जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी है और इसकी शुरुआत चेन्नई एयरपोर्ट से ही शुरू हो जाएगी. चेन्नई के नेहरू स्टेडियम में पूरी तैयारी चल रही है. शी जिनपिंग तमिलनाडु आ रहे हैं, इसलिए स्वागत में तमिलनाडु के प्रसिद्ध भरतनाट्यम, पोई काल गुद्रई, मयिल आट्टम जैसे नृत्य किए जाएंगे.


8- इसलिए महाबलीपुरम को चुना गया


मोदी-जिनपिंग मुलाकात के लिए स्थान चयन का फैसला चीन के साथ संयोजन से किया गया है. स्पष्ट मार्गदर्शन था कि राष्ट्रीय राजधानी के बाहर की कोई जगह तलाशी जाए. राष्ट्रपति जिनपिंग को इतिहास और संस्कृति में रुचि है. इसलिए भारत ने एक ऐसे स्थान की तलाश की जिसमें अन्य सभी आधारभूत संरचनाएं हों. चीन की मौजूदा कम्यूनिस्ट सरकार के पहली प्रधानमंत्री झाऊ एन लाई भी महाबलीपुरम आए थे.


9-  मुलाकात से पहले चीन का बयान


दोनों नेताओं की मुलाकात से पहले चीन ने कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं. दोनों एशियाई देशों के बीच सहयोग से क्षेत्र में और इससे परे शांति और स्थिरता लाने में सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी. चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर आम-सहमतियां उभर सकती हैं. दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश, चीन और भारत की इस जटिल दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा भरने की जिम्मेदारी है.


10-  कल भी महाबलिपुरम जाएंगे जिनपिंग


राष्ट्रपति जिनपिंग डिनर करने के बाद महाबलिपुरम से चेन्नई लौटेंगे. वहीं अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को द्विपक्षीय मुलाकात के लिए फिर चेन्नई से महाबलिपुरम जाएंगे. पीएम मोदी के साथ बातचीत और दोपहर भोज के बाद चीनी राष्ट्रपति शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे चेन्नई से रवाना होंगे. पिछले साल अप्रैल में भी पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग की मेजबानी की थी.


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