एक्सप्लोरर

अदम्य साहस और वीरता का उदाहरण: 175वां स्थापना दिवस बनाने वाली सिख रेजीमेंट के बारे में जानिए

19वीं सदी में खालसा-आर्मी ने अफगानिस्तान को हराया था. खालसा आर्मी की बहादुरी से प्रभावित ब्रिटिश सरकार ने 1846 में इसे भारतीय सेना में शामिल कर लिया, जो बाद में सिख रेजीमेंट के नाम से जानी गई.

रामगढ़: अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध और बवाल के बीच भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट ने शनिवार को अपना 175वां स्थापना दिवस मनाया. सिख रेजीमेंट दुनिया की उन चुनिदां पलटन में से एक है जिसने अफगानिस्तान में अपना परचम लहराया है. 175वें स्थापना दिवस के मौके पर झारखंड के रामगढ़ में सिख रेजीमेंट्ल ‌सेंटर में वॉर मेमोरियल पर वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

रेजीमेंटल सेंटर के कमांडेंट, ब्रिगेडियर एम श्री कुमार और डिप्टी कमांडेंट, कर्नल कुमार रणविजय ने श्रद्धा-सुमन अर्पित की. इसके अलावा सिख रेजीमेंट के गौरवमयी इतिहास‌ को दर्शाते एक डाक-टिकट को भी रिलीज किया गया. इस मौके पर सिख रेजीमेंट के कर्नल-कमांडेंट, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने लेह से सैनिकों को संबोधित किया. लेफ्टिनेंट जनरल मेनन इनदिनों लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर (14वीं कोर) के कमांडर हैं जो  इनदिनों पूर्वी लद्दाख में चीन से लोहा ली रही हैं. चीनी सेना के साथ तनाव को लेकर होने वाली मिलिट्री कमांडर्स मीटिंग में भी मेनन भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं.


अदम्य साहस और वीरता का उदाहरण: 175वां स्थापना दिवस बनाने वाली सिख रेजीमेंट के बारे में जानिए

कई बार किए अफगानिस्तान के दांत खट्टे

अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जे के बाद से ही लगातार ये दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान पर एलेक्जेंडर से लेकर रूस और अमेरिका तक कोई अपना परचम नहीं लहरा पाया है. लेकिन हम आज आपको भारतीय सेना की उस रेजीमेंट से मिलवाने जा रहे हैं जिसने एक-दो नहीं कई बार अफगानिस्तान के दांत खट्टे किए हैं. ये पलटन है सिख रेजीमेंट, जो इस महीने अपना 175वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर एबीपी न्यूज पहुंचा है झारखंड के रामगढ़, जहां है सिख रेजीमेंटल सेंटर.‌

गौरतलब है कि अमेरिका के अफगानिस्तान को छोड़ने और एक बार फिर से तालिबान के कब्जे से पूरी दुनिया ये मानने लगी है कि अफगानिस्तान पर आजतक कोई देश और कोई सेना काबू नहीं कर पाई है. लेकिन  'ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेवेस्ट' यानि शूरवीरों के शूरवीर के नाम से जाने जानी वाली सिख रेजीमेंट पलटन ने एक नहीं कई बार अफगानिस्तान में अपनी विजय पताका को फहराया है. दो बार इस पलटन को अफगानिस्तान  में विजय के लिए 'बैटल ऑनर' के खिताब से नवाजा गया है. पहली बार सिख रेजीमेंट को वर्ष 1880 में अफगानिस्तान के कंधार और काबुल में अपना परचम लहराने के लिए और उसके बाद 1919 में प्रथम विश्व-युद्ध के दौरान.

खालसा-आर्मी कैसे बनी सिख रेजीमेंट

दरअसल 19वीं सदी में महाराज रणजीत सिंह की खालसा-आर्मी पहली ऐसी फौज थी जिसने अफगानिस्तान को युद्ध में हराया था. अफगानिस्तान के खिलाफ खालसा आर्मी की बहादुरी से अंग्रेज इतने प्रभावित हुए कि रणजीत सिंह की मौत के बाद ब्रिटिश सरकार ने 1846 में इसी खालसा आर्मी को भारतीय सेना में शामिल कर लिया, जो बाद में सिख रेजीमेंट के नाम से जानी गई. यही सिख रेजीमेंट शनिवार यानि 28 अगस्त 2021 को अपना 175वां स्थापना दिवस मना रही है.

सिख रेजीमेंट के 175वें स्थापना दिवस के मायने सिर्फ डांस, भंगड़ा और हर्षोल्लास ही नहीं है. इ‌सके मायने ये है कि आने वाले खतरों के लिए अपनी पलटन और सैनिकों को तैयार करना. ये तैयारी शुरू होती है सिख पलटन के युद्धघोष, 'बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' से. इस युद्धघोष को पिछले 175 साल से अफगानिस्तान से लेकर अफ्रीका और चीन से लेकर करगिल युद्ध तक सुनाई पड़ता है. ये वही सिख‌ रेजीमेंट है जिसने बहादुरी की पराकाष्ठा को लांघते हुए सारागढ़ी का युद्ध लड़ा था. एक चौकी के कब्जो को लेकर हुई लड़ाई में सिख रेजीमेंट के 21 शूरवीरों ने करीब दस हजार अफगानी लड़ाकों को धूल चटाई थी. क्योंकि सिख रेजीमेंट का आदर्श-वाक्य है, 'निश्चय कर अपनी जीत करूं'.


अदम्य साहस और वीरता का उदाहरण: 175वां स्थापना दिवस बनाने वाली सिख रेजीमेंट के बारे में जानिए

1962 के युद्ध में दिया था अदम्य साहस और वीरता का परिचय

सिख‌ रेजीमेंट की बहादुरी और शौर्य के किस्से सुनाना शुरू हो जाएं तो शायद सदियां बीत जाएं. लेकिन आपको इतना जरूर बता देंते है कि भारतीय सेना का 'इंफेंट्री-डे' सिख रेजीमेंट की एक पलटन के 1948 के पाकिस्तान युद्ध में श्रीनगर एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने और दुश्मन के हाथों में पड़ने से बचाने के लिए मनाया जाता है. यही नहीं जिस 1962 के युद्ध में भारतीय सेना को चीन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था, उस युद्ध में भी सिख रेजीमेंट ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था.

सिख रेजीमेंट के सूबेदार जोगेंद्र सिंह को अरूणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों को धूल चटाने के लिए वीरता के सबसे बड़े मेडल, परमवीर चक्र से नवाजा गया था. इससे पहले चीन के बॉक्सर विद्रोह को दबाने के लिए भी ब्रिटिश राज ने सिख रेजीमेंट को भेजा था. आज भी चीन की राजधानी पीकिंग (नया नाम बीजिंग) से लाई गए गई गौतम बुद्ध की मूर्ती रामगढ़ स्थित सिख रेजीमेंटल सेंटर में सुशोभित हैं.

यह भी पढ़ें-

Exclusive List: यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार जल्द, जितिन प्रसाद और संजय निषाद का मंत्री बनना तय

Coronavirus Today: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 46 हजार 759 नए मामले दर्ज, 509 की मौत

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

राहुल गांधी के नाम है वो रिकॉर्ड, जो आज तक Gandhi फैमिली का कोई भी सदस्य नहीं बना सका!
राहुल गांधी के नाम है वो रिकॉर्ड, जो आज तक Gandhi फैमिली का कोई भी सदस्य नहीं बना सका!
महाराष्ट्र के गोंदिया में भीषण सड़क हादसा, पलटी बस, अब तक 9 लोगों की मौत, CM शिंदे ने दिया ये आदेश
महाराष्ट्र: गोंदिया में भीषण सड़क हादसा, पलटी बस, अब तक 9 लोगों की मौत, CM शिंदे ने दिया ये आदेश
Watch: 3.40 करोड़ में बिकने के बाद खुशी से उछल पड़ा गेंदबाज, CSK ने शेयर किया वीडियो
3.40 करोड़ में बिकने के बाद खुशी से उछल पड़ा गेंदबाज, CSK ने शेयर किया वीडियो
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में नई जेनरेशन के एक्टर्स को कास्ट करेंगे सुभाष घई
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में दिखेंगे नए चेहरे
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Eknath Shinde सीएम नहीं तो टूट जाएंगे विधायक ? । Maharashtra New CM । Sandeep ChaudharyIndrani Mukerjea ने किया Silence Break:Challenges, Dating और Zindagi Ke Regrets पर कही ये बातेंदिल्ली की राजनीति में किसके लिए खतरा बने Fadnavis ? वरिष्ठ पत्रकार ने समझा दी शपथ में देरी की वजहMaharashtra New CM: दुविधा या दांव? सीएम फेस पर क्या है BJP की रणनीति | Mahayuti | Seedha Sawal

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
राहुल गांधी के नाम है वो रिकॉर्ड, जो आज तक Gandhi फैमिली का कोई भी सदस्य नहीं बना सका!
राहुल गांधी के नाम है वो रिकॉर्ड, जो आज तक Gandhi फैमिली का कोई भी सदस्य नहीं बना सका!
महाराष्ट्र के गोंदिया में भीषण सड़क हादसा, पलटी बस, अब तक 9 लोगों की मौत, CM शिंदे ने दिया ये आदेश
महाराष्ट्र: गोंदिया में भीषण सड़क हादसा, पलटी बस, अब तक 9 लोगों की मौत, CM शिंदे ने दिया ये आदेश
Watch: 3.40 करोड़ में बिकने के बाद खुशी से उछल पड़ा गेंदबाज, CSK ने शेयर किया वीडियो
3.40 करोड़ में बिकने के बाद खुशी से उछल पड़ा गेंदबाज, CSK ने शेयर किया वीडियो
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में नई जेनरेशन के एक्टर्स को कास्ट करेंगे सुभाष घई
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में दिखेंगे नए चेहरे
यूपी में ज्वार खरीद में रिकॉर्ड प्रगति, बाजरा खरीद में भी दिखी तगड़ी तेजी
यूपी में ज्वार खरीद में रिकॉर्ड प्रगति, बाजरा खरीद में भी दिखी तगड़ी तेजी
'2019 में जो चौकीदार था इनके लिए चोर, अब हो गया ईमानदार', ओडिशा में बोले पीएम मोदी
'2019 में जो चौकीदार था इनके लिए चोर, अब हो गया ईमानदार', ओडिशा में बोले पीएम मोदी
Top Taxpayers: सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं शाहरुख, सलमान, अमिताभ, विजय; ये सिलेब्रिटी बना नंबर वन टैक्सपेयर
सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं शाहरुख, सलमान, अमिताभ, विजय; ये सिलेब्रिटी बना नंबर 1 टैक्सपेयर
Opinion: बांग्लादेश में टारगेट पर हिन्दू समुदाय, नरसंहार जैसी पैदा हो रही स्थिति, फौरन लगे विराम
Opinion: बांग्लादेश में टारगेट पर हिन्दू समुदाय, नरसंहार जैसी पैदा हो रही स्थिति, फौरन लगे विराम
Embed widget