Allahabad Court: कांग्रेस नेता जयराम रमेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार (8 जुलाई) को जिला अदालत में एक मुकदमा दर्ज हुआ है. इलाहाबाद जिला अदालत ने परिवाद दर्ज होने के बाद जयराम रमेश को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.  


जयराम रमेश के खिलाफ ये परिवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील और बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक सुशील कुमार मिश्रा की तरफ से दाखिल किया गया था. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.


जयराम रमेश ने किया था क्या दावा?


परिवाद में कहा गया है कि जयराम रमेश ने झूठा प्रचार किया था और लोगों को गुमराह करने का काम किया था. गौरतलब है कि बीती 2 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश ने अमित शाह पर 150 जिला कलेक्टर्स को धमकाने का आरोप लगाया था.


उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि ''निवर्तमान गृह मंत्री जिला अधिकारियों/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं. अब तक उन्होंने इनमें से 150 से बात की है. यह खुलेआम और बेशर्म तरीके से धमकी देना है, जो दिखाता है कि बीजेपी कितनी हताश है.''


चुनाव आयोग ने जारी किया था नोटिस


जयराम रमेश ने कहा था, ''याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं. जून 4 को जनादेश के अनुसार नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं इंडिया जनबंधन. विजयी होगा. अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए. वे निगरानी में हैं.''


जयराम रमेश के इस बयान पर चुनाव आयोग ने उनसे कहा था कि वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर चुनाव अधिकारी का एक पवित्र कर्तव्य है और ऐसे सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं तथा इसलिए बयान व्यापक सार्वजनिक हित में दिए जाने चाहिए. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था.


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