प्रयागराज: वाराणसी सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने पीएम मोदी का निर्वाचन रद्द किये जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई चुनाव अर्जी को खारिज कर दिया है. यह चुनाव याचिका पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर यादव की तरफ से दाखिल की गई थी. अदालत ने इस चुनाव अर्जी को मेरिट पर सुने बिना ही पोषणीयता के आधार पर खारिज कर दिया है. दरअसल, इस मामले में पीएम मोदी की तरफ से अदालत में यह दलील दी गई थी कि तेज बहादुर न तो चुनाव में प्रत्याशी थे और न ही वह वाराणसी सीट से वोटर हैं, इसलिए उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का कोई अधिकार ही नहीं है.


अदालत ने पीएम मोदी की इस दलील को मंजूर कर लिया और इसी आधार पर तेज बहादुर की अर्जी को खारिज कर दिया. इस मामले में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद तेईस अक्टूबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. अदालत ने 58 पेज के अपने फैसले में यह कहा कि तेज बहादुर को अर्जी दाखिल करने का हक़ नहीं है, इसलिए मेरिट पर सुने बिना ही पोषणीयता के आधार पर ही उसे खारिज कर दिया गया है. तेज बहादुर की अर्जी खारिज होने से पीएम व वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत मिली है. 2014 के चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय द्वारा दाखिल की गई अर्जी को भी पिछले कार्यकाल के दौरान हाईकोर्ट से खारिज कर दिया गया था.


समाजवादी पार्टी से टिकट पाने वाले पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर की अर्जी में वाराणसी सीट से पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी. तेज बहादुर ने इसके लिए अपना नामांकन पत्र खारिज किये जाने को बड़ा आधार बनाया था और आरोप लगाया था कि उनका पर्चा पीएम मोदी के दबाव में खारिज किया गया है. अर्जी में इसके साथ ही पीएम व बीजेपी उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी के नामांकन पत्र में परिवार के ब्यौरे समेत कई कालम खाली छोड़े जाने को भी चुनौती दी गई थी. कहा गया था कि इस आधार पर उनका नामांकन भी खारिज हो जाना चाहिए. तेज बहादुर यादव की इस अर्जी को जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच ने 17 जुलाई को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किया गया था और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा गया था. पीएम मोदी की तरफ से दाखिल किये गए जवाब में अर्जी की पोषणीयता पर ही सवाल उठाए गए और उसे खारिज किये जाने की मांग की गई थी.


पीएम मोदी की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 व पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 86 (1) के तहत याचिका बिना किसी ठोस वजह के दाखिल की गई है. इसके साथ ही नियम यह भी है कि चुनाव याचिका सिर्फ उस सीट से चुनाव लड़ने वाला वैध प्रत्याशी या कोई वोटर ही दाखिल कर सकता है, तेज बहादुर यादव न तो वाराणसी सीट से चुनाव लड़े थे और न ही वह वहां के वोटर हैं, ऐसे में उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का हक़ ही नहीं है. इसी आधार पर उनकी अर्जी को सुनवाई के बिना ही खारिज कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने इसी दलील को मंजूर कर लिया.


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