लखनऊ: यूपी में लड़कियों के सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को शुद्ध पानी मुहैया नहीं कराए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने यूपी सरकार को सभी सरकारी गर्ल्स कॉलेजों यानी जीजीआईसी में एक महीने के अंदर वाटर प्यूरीफायर मशीन लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर एक महीने में जीजीआईसी में वाटर प्यूरीफायर मशीन नहीं लगती है तो उस जिले के डीएम और दूसरे अफसरों के दफ्तरों में लगे वाटर प्यूरीफायर को निकालकर उसे लड़कियों के कॉलेज में लगा दिया जाए.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को वही पानी मुहैया कराया जाना चाहिए, जिस तरह का पानी उस जिले के डीएम अपने घर और दफ्तर में पीते हैं. कोर्ट ने इस बारे में यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी और जिलों के डीएम को इस आदेश का पालन कराने को कहा है. इसके साथ ही इसकी रिपोर्ट चौबीस अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने को कहा है. कोर्ट के फैसले के मुताबिक़ पीने के लिए शुद्ध पानी मिलना सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों का हक है.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने तीन दिन पहले हुई पिछली सुनवाई के दौरान ही इस मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अफसरान खुद तो दफ्तर और घरों में आरओ का मिनरल वाटर पीते हैं और लड़कियों को हैंडपंप का पानी देते हैं. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए कहा था कि जब अधिकारी आरओ का पानी पीते हैं तो सरकारी कॉलेजों की लड़कियों को वही पानी क्यों नहीं मुहैया कराया जाता.
यह आदेश जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की डिवीजन बेंच ने विनोद कुमार सिंह की पीआईएल पर सुनवाई के बाद दिया है. कोर्ट इस मामले में चौबीस अक्टूबर को फिर से सुनवाई करेगी. पीआईएल में बलिया, आगरा, अलीगढ़, महोबा, श्रावस्ती और जौनपुर जिलों के गर्ल्स कॉलेजों में पेयजल, शौचालय और बिजली सप्लाई के ठीक इंतजाम ना होने की शिकायत की गई थी.