'मीडिया ने खड़ा किया विवाद', इलाहाबाद HC के जज शेखर यादव ने दी सफाई तो कॉलेजियम ने लगा दी क्लास
कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर यादव से कहा कि कोर्टरूम के अंदर ही नहीं बाहर भी जज को कुछ कहते वक्त सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि इससे न्यायपालिका में लोगों का विश्वास प्रभावित हो सकता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के सामने पेश हुए. 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में मुसलमानों को लेकर उन्होंने आपत्तिजनक बातें कही थीं, जिनसे बवाल मच गया. कल वह इसी सिलसिले में कॉलेजियम के सामने पेश हुए. उन्होंने कॉलेजियम के सामने अपने लिए सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके भाषण की चुनिंदा बातों को छापकर विवाद खड़ा कर दिया है. हालांकि, कॉलेजियम उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ और उन्होंने जज को याद दिलाया कि उन्हें अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए.
कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जज- जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एएस ओका शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को हाईकोर्ट से जस्टिस शेखर यादव के भाषण पर रिपोर्ट मांगी थी इसके बाद उन्हें अपनी सफाई देने के लिए बुलाया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस शेखर यादव ने कॉलेजियम से कहा कि मीडिया ने उनके बयान का कुछ हिस्सा छापकर विवाद खड़ा किया है. हालांकि, कॉलेजियम उनके स्पष्टीकरण से सहमत नहीं हुआ और उन्हें कोर्ट के अंदर और बाहर अपने आचरण के लिए सतर्क रहने की सलाह दी.
पांच जजों ने यह भी कहा कि न्यायाधीश का हर बयान पद की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए ताकि लोगों का न्यायपालिका में विश्वास प्रभावित न हो. कॉलेजियम ने कहा कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज को कोर्टरूम के अंदर या कोर्ट के बाहर किसी कार्यक्रम में कुछ कहते वक्त न सिर्फ अपने पद का ख्याल करना चाहिए, बल्कि ये भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके बयान से न्यायपालिका में लोगों का विश्वास भी प्रभावित न हो.
विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जज शेखर यादव ने कहा था कि देश बहुसंख्यकों की भावनाओं के हिसाब से चलेगा. उन्होंने मुसलमानों के लिए कठमुल्ला शब्द का भी इस्तेमाल किया था. इनके अलावा भी उन्होंने कई ऐसा बातें बोलीं, जिन पर विवाद खड़ा हो गया. इसे लेकर उनके खिलाफ महाभियाग चलाने और जज के पद से हटाए जाने की भी मांच उठने लगी है.
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